मन की बात-PM मोदी ने लोगों से त्योहारों में स्वदेशी उत्पादों का इस्तेमाल करने का किया आग्रह

नई दिल्ली: अपने मासिक रेडियो संबोधन मन की बात के 126वें एपिसोड में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से स्वदेशी उत्पादों को चुनकर आगामी त्योहारी सीजन को और अधिक सार्थक बनाने का आह्वान किया. चल रहे ‘जीएसटी बचत उत्सव’ पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने लोगों को अपने त्योहार की खरीदारी के दौरान स्थानीय सामानों का समर्थन करने का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित किया.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आने वाले दिनों में त्योहार और समारोह खुशियों से भरे होंगे. हम हर त्यौहार के लिए खूब खरीदारी करते हैं और इस बार तो ‘जीएसटी बचत उत्सव’ भी चल रहा है. उन्होंने कहा, ‘आप एक संकल्प लेकर अपने त्योहारों को और भी खास बना सकते हैं. अगर हम इस त्योहार को केवल स्वदेशी उत्पादों के साथ मनाने का संकल्प लें, तो आप देखेंगे कि हमारे उत्सवों का आनंद कई गुना बढ़ जाएगा.’

उनकी टिप्पणी सरकार की वोकल फॉर लोकल पहल पर जोर को जारी रखती है, जिसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है. वित्त मंत्रालय ने अपने मासिक आर्थिक अपडेट में कहा कि जीएसटी ढांचे को युक्तिसंगत बनाने से उपभोग वृद्धि को और बढ़ावा मिलेगा.

जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में मोटे तौर पर दो दर वाली संरचना लाई गई है. इसमें 18 प्रतिशत की मानक दर, 5 प्रतिशत की मेरिट दर और कुछ चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं के लिए 40 प्रतिशत की विशेष डी-मेरिट दर (लेकिन पहले की क्षतिपूर्ति उपकर दर शामिल है, इसलिए समग्र कर भार में कोई वृद्धि नहीं होगी), जो 22 सितंबर 2025 से प्रभावी है.

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में आत्मनिर्भरता का भी जिक्र किया. उन्हों कहा, ‘अशोक जगदीशन और प्रेम सेल्वराज ने एक नई पहल शुरू करने के लिए कॉर्पोरेट नौकरियां छोड़ दी. उन्होंने घास और केले के रेशे से योगा मैट बनाए, हर्बल रंगों से कपड़े रंगे और 200 परिवारों को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार दिया. झारखंड में आशीष सत्यव्रत साहू, जोहरग्राम ब्रांड के माध्यम से आदिवासी बुनाई और परिधानों को वैश्विक बाजार तक ले गए. उनके प्रयासों की बदौलत अब दूसरे देशों के लोग भी झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को जान रहे हैं.’

वित्त मंत्रालय ने अपने मासिक आर्थिक अपडेट में कहा, ‘जीएसटी को युक्तिसंगत बनाना, कॉर्पोरेट कर में कटौती और व्यक्तिगत आयकर सुधारों के बाद कर सुधारों की तिपाई के तीसरे चरण के रूप में आया है.’ इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नए जीएसटी सुधार देश के मध्यम वर्ग और आम आदमी की बुनियादी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किए गए हैं.

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