CM हेमंत सोरेन और उनके करीबियों की 400 कंपनियों की होगी जांच; रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को हाईकोर्ट का नोटिस

ranchi 22 april
रांची
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई विधायक बसंत सोरेन इनसे संबंधित लोगों द्वारा 400 से ज्यादा कंपनी बनाकर अवैध कमाई निवेश करने के मामले में सुनवाई करते हुए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को प्रतिवादी बनाया है। अदालत ने वादी की ओर से कोर्ट में पेश किए गए कंपनियों की जांच कर रिपोर्ट 2 सप्ताह में मांगी है।
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने आज इस मामले में सुनवाई की और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को मामले में प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया.

प्रार्थी ने की है ये मांग

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसके जरिए उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रिश्तेदारों के नाम पर दर्जनों कंपनियों का निर्माण कर बड़े पैमाने पर निवेश करने का आरोप लगाया है. प्रार्थी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग की है.

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी इसकी जानकारी देने को कहा है।याचिका में कहा गया है कि सरकार के नजदीकी अमित अग्रवाल और रवि केजरीवाल के सगे संबंधी ही इस तरह की कंपनी चलाते हैं। जिनमें झारखंड से कमाई गई राशि को निवेश कर होटल, माल सहित अन्य एसेट खरीदा गया है। प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से 28 ऐसी कंपनियों का नाम कोर्ट में दिया गया है, जो मुखौटा कंपनियां हैं और जिनमें पैसा निवेश किया गया है। इसी पर अदालत ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को प्रतिवादी बनाते हुए इन कंपनियों का जांच करने का निर्देश दिया है। ED को भी इसकी कॉपी सौंपने का निर्देश दिया
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने हेमंत सोरेन के खिलाफ हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के मामले में प्रेस वार्ता की है। उन्होंने कहा कि अदालत ने इस मामले में ईडी को सिर्फ याचिका की कॉपी सौंपने का निर्देश दिया है, जांच करने का नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि वादी के अधिवक्ता की ओर से मीडिया में भ्रामक खबरें दी गई है। उन्होंने यह माना कि इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को प्रतिवादी बनाते हुए वादी की ओर से सौंपी गई कंपनियों की जांच करने का आदेश दिया है।

अदालत को सौंपी है कंपनियों की सूची

आपको बता दें कि पूर्व में प्रार्थी शिव शंकर शर्मा ने याचिका के साथ हाईकोर्ट में 28 कंपनियों की सूची दी थी, जिसमें इनके द्वारा भारी निवेश करने की बात कही गई है. इसके अलावा प्रार्थी ने पूरक शपथ पत्र दायर कर लगभग 200 से अधिक कंपनियों की सूची देते हुए कहा है कि इन कंपनियों में भी इन्हीं लोगों का पैसा लगा हुआ है.

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