संपादकीय,यूं ही नहीं है जमशेदपुर रक्तदाताओं का शहर

जमशेदपुर को रक्त दाताओं का भी शहर कहा जाता है। जिस बड़ी संख्या में रक्तदान के लिए जमशेदपुर में लोग उमड़ते हैं, ऐसा देश के किसी भी दूसरे हिस्से में देखने को नहीं मिलता। राष्ट्रीय रक्तदान दिवस के अवसर पर जमशेदपुर रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा आयोजित रक्तदान समारोह के दौरान मानद सचिव विजय कुमार सिंह ने गर्व के साथ यह जानकारी दी कि जमशेदपुर ब्लड बैंक देश का पहला ब्लैक ब्लड बैंक है जहां नो रिप्लेसमेंट प्रणाली लागू कर दी गई है, यानी कि जरुरतमंद यदि रक्त के लिए अब यहां पहुंचता है तो उसे रिप्लेसमेंट लाने को नहीं कहा जाएगा ।यह एक बहुत बड़ी राहत की बात है। अचानक जब किसी को रक्त की आवश्यकता पड़ती है और वह किसी ब्लड बैंक में पहुंचता है तो रक्त के बदले उससे कोई रक्तदाता लाने को कहा जाता है ।यह कितना अमानवीय है बताने की जरूरत नहीं। रक्त की जरूरत को आपात स्थिति में ही पढ़ती है। ऐसी स्थिति में कोई कहां से रिप्लेसमेंट लाने जाएगा यह हमेशा से बड़ा सवाल रहा है। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने इसी कार्यक्रम के दौरान कहा कि रिप्लेसमेंट मांगना गैरकानूनी माना गया है। ब्लड बैंक के पास यदि रक्त ना हो तो वो सीधे इंकार कर सकता है लेकिन रक्त रहते हुए किसी को रिप्लेसमेंट लाने को नहीं कह सकता लेकिन ऐसा ही होता रहा है।
जमशेदपुर में इतनी बड़ी संख्या में रक्तदान समारोहों का आयोजन किया जाना दर्शाता है कि यहां के लोग रक्तदान के प्रति कितने जागरूक हैं। कोरोना महामारी के दौरान झारखंड ही नहीं पड़ोसी राज्यों की भी जरुरतों को जमशेदपुर रेड क्रास सोसायटी एवं जमशेदपुर ब्लड बैंक ने पूरा किया था। जब हर कोई हाथ खड़ा कर दे रहा था तो जमशेदपुर मदद के लिये आगे आया था। एसडीपी के मामले में तो यहां का रिकार्ड अनूठा है। कुछ साल पहले झारखंड के नगर विभाग के सचिव संजय पांडेय जो कभी जमशेदपुर में पदस्थापित थे, ने पूरे राज्य के हर जिले में सरकारी स्तर पर रक्तदान कराने का एक सर्कुलर जारी किया था मगर राज्य के अधिकांश ऐसे शिविरों में मुश्किल से 10 लोग ही रक्तदान को पहुंचे ।यह दर्शाता है कि राज्य के अन्य हिस्सों में रक्तदान के प्रति लोगों में जागरूकता का कितना अभाव है ।यदि कुछ प्रतिशत लोग भी रक्तदान को आगे आए तो पूरे देश में कभी किसी को आपात स्थिति में रक्त की कमी नहीं होगी। कहा जाता है कि रक्त का कोई विकल्प नहींै। यह किसी की जान बचा सकता है । यह कोई भेद नहीं करता। मनुष्य को मनुष्य से जोड़ता है। धर्म- संप्रदाय ं, अमीर-गरीब ,ऊंच-नीच रक्त के मामले में सभी समान स्तर पर आ जाते हैं। ऐसे महादान को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने की जरूरत है ।जितना अधिक लोग रक्तदान के लिए आगे आएंगे मानवता की उतनी बड़ी सेवा होगी।

Share this News...