चित्र में बाएं से दाएं ग्रुप प्रेसिडेंट सोमनाथ दास, भारत सरकार वेस्ट मैनेजमेंट की कार्यापालक निदेशक विनीशा ( क्रम में चौथी ), न्यायमूर्ति नवनीत कुमार, डीन डॉ प्रदीप, आर सी सी एफ स्मिता पंकज, जिला न्यायाधीश अनिल मिश्रा आदि परिलक्षित हैं.
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में ग्रीन इनिशिएटिव का शुभारंभ और “मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज बीकन” का विमोचन
जमशेदपुर : मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज ग्रीन इनिशिएटिव का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में कॉलेज के पहले आउटरीच और कम्युनिटी स्मारिका “मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज बीकन” का विमोचन भी किया गया। इसके साथ ही, कॉलेज को हरित कैंपस प्रमाणन से सम्मानित किया गया।
इस आयोजन में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नवनीत कुमार मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे. विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक स्मिता पंकज थीं ।
कार्यक्रम का उद्देश्य
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना, समाज के वंचित वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना और छात्रों को सामुदायिक सेवा के प्रति प्रेरित करना था। मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ने सिल्वर ग्रीन कैंपस सर्टिफिकेशन प्राप्त कर यह दिखाया है कि वह केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अग्रणी है।
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति नवनीत कुमार ने कहा, “पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। हमें यह समझना होगा कि प्रकृति और मानव का संबंध अटूट है। मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ने इस दिशा में जो पहल की है, वह प्रेरणादायक है। ‘मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज बीकन’ के माध्यम से कॉलेज न केवल सामुदायिक सेवा की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी फैला रहा है।”
विशिष्ट अतिथि स्मिता पंकज ने कहा, “वन और पर्यावरण का संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ने जिस तरह से ग्रीन कैंपस प्रमाणन प्राप्त किया है, वह इस बात का उदाहरण है कि एक संस्था कैसे पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकती है।” ग्रीन सर्टिफिकेशन प्रदान करने वाली भारत सरकार की संस्था की कार्यपालक निदेशक प्रो विनीशा ने कहा कि पहले सामान्य रूप से औद्योगिक घरानो के लिए यह प्रमाणन आवश्यक होता था लेकिन अब इसे शिक्षण संस्थानों पर भी प्रभावी बनाया गया है क्योंकि इन संस्थाओं से बाहर निकल कर यही विद्यार्थी देश के कर्णधार बनेंगे. उन्होंने बताया मणिपाल का यह परिसर नीव रखने के समय से ही गो ग्रीन के प्रति सतर्क रहा जिसका सारा श्रेय उन्होंने ग्रुप प्रेसिडेंट सोमनाथ दास को दिया और उन्हें एक अलौकिक विज़नरी बताया.
मौके पर कॉलेज की पहली स्मारिका “मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज बीकन” का विमोचन किया गया। यह स्मारिका कॉलेज की सामुदायिक सेवाओं, आउटरीच कार्यक्रमों और पर्यावरण संरक्षण में योगदान को दर्शाती है। “मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज बीकन” न केवल कॉलेज की उपलब्धियों को सामने लाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी सामाजिक सेवा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करेगी।
हरित कैंपस प्रमाणन
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज को हरित कैंपस प्रमाणन मिलने से संस्था ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक नया आयाम दिया है। इस प्रमाणन के तहत कॉलेज ने ऊर्जा संरक्षण, पानी की बचत, कचरे के प्रबंधन और हरित क्षेत्र बढ़ाने जैसे कई प्रयास किए हैं।
विद्यार्थियों और शिक्षकों की भागीदारी
कार्यक्रम में कॉलेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सेवा से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट्स को प्रस्तुत किया। कॉलेज के डीन ने बताया कि आने वाले समय में कॉलेज और भी कई हरित पहल शुरू करेगा।
भविष्य की योजनाएं
कॉलेज के ग्रुप प्रेसिडेंट सोमनाथ दास ने बताया कि आने वाले वर्षों में मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज और भी व्यापक स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करेगा। कॉलेज यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता दी जाए।
यह कार्यक्रम मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज की प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता को दर्शाता है। पर्यावरण और सामुदायिक सेवा की दिशा में किए गए ये प्रयास न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक हैं। आरम्भ में डीन डॉ प्रदीप ने कॉलेज के कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डाला. कॉलेज के डॉ टी एम ए पाई हॉल में आयोजित समारोह में जिला न्यायाधीश माननीय अनिल कुमार मिश्रा, विधि सलाहकार जय प्रकाश आदि उपस्थित थे. न्यायामूर्ति नवनीत कुमार एवं अन्य अतिथियों को प्रेसिडेंट श्री दास ने परिसर में हरित कार्यों का परिदर्शन कराया. यहाँ पेड़ को क्यू आर कोड मार्किंग भी किया गया है जिससे उनकी प्रजातियों की पूरी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. अभी तक यहाँ लगभग 700 वृक्ष लगाए जा चुके हैं इनमे फलदार भी हैं. मणिपाल का पहला एम बी बी एस बैच अगले साल ग्रेजुएशन पूरा करेगा और इन साढ़े चार वर्षों के अलावा आरम्भ के निर्माण काल को जोड़कर देखा जाय तो लगभग 6 वर्षों में परिसर में जमीन आसमान का परिवर्तन आया है. उल्लेखनीय है कि यहाँ हर दिन कोई न कोई विकास कार्य पूरा हो रहा. “माहे ” का यह परिसर निश्चित रूप से देश का एक श्रेष्ठ शैक्षणिक परिसर बनने की दिशा में अग्रसर है. कॉलेज ने पिछले चार वर्षों में छात्रों के बीच 14 करोड़ रूपये छात्रवृति के रूप में वितरित किये. सामुदायिक जिम्मेवारी के रूप में भी यह नियमित रूप से ओ पी डी इलाज और स्वास्थ्य समग्रियों का जिले में चारों ओर वितरण करता है