हाथी चंपा व रजनी को जंजीर से मुक्त करने की मांग पर संयुक्त ग्रामसभा मंच का पैदल मार्च

चांडिल। संयुक्त ग्राम सभा मंच द्वारा चंपा व रजनी नाम के दो हाथी को जंजीर से मुक्त करने की मांग पर पैदल मार्च निकाली गया। दलमा के माकुलाकोचा स्थित चेकनाका में वन विभाग द्वारा दो हाथी को रखा गया है, जिनका नाम रजनी और चंपा है। दोनों हाथी बीमार अवस्था में है और शरीर सिकुड़ने लगा है। इन दोनों को मुक्त करने की मांग पर ग्रामीणों ने आंदोलन छेड़ा है।
सोमवार को दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के मुख्य द्वार शहरबेड़ा से माकुलाकोचा स्थित फुटबॉल मैदान तक पैदल मार्च किया गया। इसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल थे, वहीं, दर्जनभर ग्रामप्रधान भी सम्मिलित थे। पदयात्रा किया गया। शहरबेड़ा ग्राम के पारंपरिक ग्राम प्रधान मान सिंह मार्डी, कदमझोर के पारंपरिक प्रधान आनंद सिंह व चाकुलिया ग्राम के पारंपरिक प्रधान अनुप टुडू के संयुक्त अगुवाई में पैदल मार्च का आयोजन हुआ। पैदल मार्च माकुलाकोचा चेकनाका तक गई, जहां सभा का आयोजन हुआ। इस अवसर चाकुलिया ग्राम के पारंपरिक ग्राम प्रधान अनूप टुडू ने कहा कि हमारे राज्य का राज्यकीय पशु हाथी है, चंपा व रजनी हाथी जंजीर में कैद है। यह संकेत है कि हम आदिवासी -मूलवासियों को जंजीर में कैद करके रखा है‌। आखिर चंपा व रजनी का क्या दोष है? इन्हें जंजीरों में क्यों बांधकर रखा गया है? उन्होंने कहा कि इन दोनों हाथी के गिरते स्वास्थ्य के विभाग जिम्मेदार हैं। इन्हें उचित और पौष्टिक आहार नहीं दिया जाता है, इसके चलते बीमार हैं। इस अवसर पर सुकलाल पहाड़िया, अनूप महतो, भूषण पहाड़िया, कृष्णा बेड़ा, मेनका किस्कू, सुनील हेम्ब्रम, गोविंद उरांव, बसंती सरदार, विजय तंतुबाई, रूपाय मांझी, पंकज हेम्ब्रम, दिनकर कच्छप , अंकित महतो , विष्णु गोप, चंदन महतो, अंकुर महतो , सुमित महतो, मोतीलाल मुर्मू, दीपक महतो, कृष्णा महतो, गुरूचरण लोहार, गुरूचरण सिंह आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।

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