Dumka-कोयला डंपिंग यार्ड को हटाने की मांग को लेकर सिविल सोसायटी ने सौंपा ज्ञापन

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उपराजधानी दुमका के रेलवे स्टेशन पर बने कोयला डंपिंग यार्ड को हटाने की मांग को लेकर सिविल सोसायटी, दुमका का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को परिसदन में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव एल खियांग्ते से सिविल सोसायटी,दुमका के अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा के नेतृत्व में मिला। श्री खियांग्ते शुक्रवार को कोयला साइडिंग कार्य स्थल जांच के लिए दुमका पहुंचे थे । इस दौरान श्री खियांग्ते ने प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों से बारी-बारी से यार्ड से होने वाली समस्याओं को सुना और संयुक्त कमिटी के कार्यक्षेत्र से अवगत कराते हुए कहा कि दुमका रेलवे स्टेशन पर कोयला रैक से होने वाले प्रदुषण व डस्ट को रोकने के लिए व्यापक प्रयास के साथ पौधारोपण किया जाएगा।पुर्व में एन जी टी द्वारा लगाए गए जुर्माना दस करोड़ रुपए की राशि का भी जिक्र करते हुए बताया कि कम्पनी के द्वारा जमा कराया जा चुका हैं और पर्यावरण को आमजन के लिए संतुलित करने के लिए शक्ति से धरातल पर उतारा जाएगा।उन्होंने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में जो है उसमें कहीं भी कमी नहीं छोड़ी जाएगी।साथ ही उन्होंने कहा प्लेटफार्म पर डस्ट नहीं हो इसका भी प्रयास किया जा रहा है। वहीं उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने सभी सदस्यों को आश्वस्त किया कि डस्ट नहीं हो इसके लिए संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया जा रहा है। अनुमंडल पदाधिकारी दुमका के अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया जिसकी हर चौदह दिन में समीक्षा बैठक आयोजित किया जाएगा और प्रदुषण की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा,वरीय उपाध्यक्ष प्रेम केशरी,उपाध्यक्ष प्रदीप्त मुखर्जी, मनोज कुमार घोष,सचिव संदीप कुमार जय बमबम,मिडिया समन्वयक चंदन कुमार और कोषाध्यक्ष सुरज केशरी शामिल थे। सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि दुमका झारखंड की उपराजधानी है बावजूद क्षनिक लाभ हेतु रेलवे प्रबंधन द्वारा यहां के गरीब गुरबों आदिवासी और गैर आदिवासी यात्रियों के सेहत से खिलवाड़ करते हुए प्लेटफार्म के समीप ही कोयला डंपिंग यार्ड बनाने की अनुमति प्रदान कर दी गई। हालांकि इसका पुरजोर विरोध सिविल सोसायटी, दुमका के द्वारा किया गया फिर भी आसनसोल रेल डीआरएम की मनमानी के कारण यहां के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया। महाशय यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि अभी बरसात का मौसम चल रहा है और प्रदूषण स्तर बिल्कुल न्यूनतम है, कहीं भी डस्ट देखने को नहीं मिलेगा। पेड़ों, पत्तों और सभी के घरों छत पर का डस्ट बारिश से धुल चुका है। प्रदूषण का चिन्ह तक नजर नहीं आयेगा गर्मी और उमस के मौसम में यहां के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। ऐसे में यह निरीक्षण संभवतः एक खानापूर्ति है। महाशय आपका ध्यान आकृष्ट कराते हुए हम यह बताना चाहेंगे कि जब से कोयला डंपिंग यार्ड बनाया गया है तब से दुमका रेलवे स्टेशन बैठने लायक नहीं रह गया है। एक,दो और तीन नंबर प्लेटफार्म पर जहां भी बैठे कपड़ा गंदा होना तय है। अब तो स्टेशन के आसपास रहने वाले लोग वहां से पलायन भी करने लगे हैं। कोयला डंपिंग यार्ड के कारण आम जनता में गंभीर बीमारी का खतरा उत्पन्न हो गया है।

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