डॉ. नागेंद्र सिंह का निधन, कल सुबह 10 बजे निकलेगी अंतिम यात्रा

 

झारखंड के प्रख्यात चिकित्सक और गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल, मानगो (जमशेदपुर) के संचालक डॉ. नागेंद्र सिंह का आज मंगलवार सुबह दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से वे अस्वस्थ चल रहे थे। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से जमशेदपुर से दिल्ली ले जाया गया था।आज सुबह लगभग 4:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। इनकी अतूलनीय चिकित्सा सेवा को देखते हुए राज्य सरकार ने कई बार उनका नाम पद्मश्री पुरस्कार के लिये केंद्र सरकार को प्रेषित किया था।

देर रात उनका पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से जमशेदपुर लाया जा रहा है।
कल बुधवार पूर्वाह्न 10 बजे विजय ग्रीन अर्थ डिमना रोड स्थित स्थित ं उनके आवास से उनकी अंतिम यात्रा स्वर्णरेखा घाट के लिए निकलेगी।

डॉ. नागेंद्र सिंह ने अब तक 10 हजार से अधिक निशुल्क सर्जरी कर गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा का एक अनूठा कीर्तिमान स्थापित किया था। उन्हें ‘गरीबों का मसीहा’ भी कहा जाता था। कई जटिल ऑपरेशनों के जरिए उन्होंने ऐसे मरीजों की जान बचाई थी जिन्हें कहीं से भी राहत की उम्मीद नहीं थी।

वे अपने पीछे पत्नी रंजू सिंह, बेटी डॉ. पूजा सिंह, पुत्र डॉ. अभिषेक सिंह सहित पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

उनके निधन की खबर से पूरे राज्य में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई है। राजनेताओं, चिकित्सकों से लेकर समाज के विभिन्न वर्गों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा है कि समाज ने एक महान चिकित्सक और असहायों के सच्चे सहायक को खो दिया है। उनके निधन की खबर से पूरा शहर, खासकर स्वास्थ्य जगत शोक में डूब गया है।
15 हजार से अधिक मरीजों को दिया नया जीवन
डॉ. नागेंद्र सिंह अपने अद्भुत सेवा-भाव, समर्पण और मानवीय चिकित्सकीय मिशन के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने जीवन में 15 हजार से अधिक मरीजों का नि:शुल्क इलाज कर उनकी जान बचाई।
वे झारखंड के आदिम जाति सबर समुदाय के पांच गांवों को गोद लेकर वहां के सभी मरीजों का मुफ्त इलाज, दवा उपलब्ध कराना और जरूरत पडऩे पर वाहन से घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाते थे।
समाज के लिए उनके इस अतुलनीय योगदान को देखते हुए झारखंड सरकार ने दो बार केंद्र सरकार से पद्मश्री सम्मान के लिए अनुशंसा भी की थी।
गंगा देवी स्मृति शिविर से हजारों को मिला सहारा
मानवीय कार्यों से भरा उनका जीवन केवल इलाज तक सीमित नहीं था। वे अपनी मां गंगा देवी की स्मृति में हर वर्ष बड़े पैमाने पर शिविर आयोजित कर गरीब और जरूरतमंद मरीजों का मुफ्त में सर्जिकल उपचार कराते थे। उनकी इस सामाजिक सेवा ने हजारों परिवारों को नया जीवन दिया। उनकी सेवा-परंपरा आज भी लोगों के लिए मिसाल है।
उनकीपुत्री डा पूजा का हाल ही में महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज के पूर्व प्रिंसिपल डा. ए सी अखौरी और डा विनिता सहाय के पुत्र के साथ विवाह हुआ था।
चिकित्सकों ने जताया शोक, कहा-अपूर्णनीय क्षति
डॉ. नागेंद्र सिंह के निधन पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), जमशेदपुर ने गहरा शोक व्यक्त किया है। आइएमए के अध्यक्ष डा. जीसी माझी, सचिव डा. सौरभ चौधरी, उपाध्यक्ष डा. मृत्युंजय सिंह, डा. संतोष गुप्ता सहित कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने कहा कि यह चिकित्सा जगत के लिए अपूर्णनीय क्षति है।
आइएमए जमशेदपुर की ओर से जारी संदेश में कहा गया है कि हमने एक स्तंभ, एक मानवतावादी डाक्टर और समाज के सच्चे सेवक को खो दिया है। भगवान उनके परिवार को यह अपूरणीय क्षति सहने की शक्ति दें।
डॉ. नागेंद्र सिंह का जाना केवल अस्पताल या मेडिकल बिरादरी का नुकसान नहीं, बल्कि पूरे समाज की क्षति है। उनका जीवन हमेशा सेवा, दया और मानवता के उच्चतम आदर्शों की याद दिलाता रहेगा।
विधायक सरयू राय ने जताया शोक
विधायक सरयू राय ने लिखा कि डॉ. नागेन्द्र सिंह का निधन सर्वसमाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। कमजोर वर्ग ने अपना मसीहा खो दिया। मेरे लिए तो यह व्यक्तिगत क्षति है, सदमा पहुँचाने वाली असहनीय घटना है. सस्ती चिकित्सा के लिए उनकी महत्वाकांक्षी योजना थी, जिसे पूरा करना था. पर वे सहसा चले गए. विधि का क्रूर विधान. ? शांति:।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले ने डा सिंह के निधन पर शोक जताया है।झामुमो प्रवक्ता ने किया याद

विधायक संजीव सरदार ने डॉ. नागेंद्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है . उन्होंने कहा डॉक्टर नागेंद्र का इस दुनिया से जाना मेरे लिए एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है। वे न केवल एक कुशल चिकित्सक थे, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से भरपूर एक नेकदिल इंसान भी थे.हर वर्ष वे मेरे विधानसभा क्षेत्र पोटका में निःशुल्क मेडिकल कैंप आयोजित करते थे और गरीब–जरूरतमंद लोगों की सेवा को अपना जीवनधर्म मानते थे। अनेक मरीजों का उन्होंने बिना किसी शुल्क के ऑपरेशन कर उपचार किया.स्वास्थ्य संबंधी कई मुद्दों पर हमारी नियमित बातचीत होती रहती थी, और उनका मार्गदर्शन मेरे लिए हमेशा मूल्यवान रहा।
उनका निधन न सिर्फ मेरे लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है.ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को इस कठिन समय में शक्ति दें।”झामुमो प्रवक्ता कुणाल सारंगी ने उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि अभी सुबह फोन की घंटी बजी तो लगभग आधी नींद मे फोन उठाते ही भारत से एक मित्र ने यह दुखद सूचना दी। मेरे जीवन की अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना में जब बचपन मे मेरा दायां पांव बुरी तरह दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और लगा शायद जीवन भर स्वावाभिक रूप से नहीं चल पाऊंगा।
उन्होंने डॉक्टर नागेंद्र सिंह को संबोधित करते लिखा कि आपने लोकल एनेस्थीसिया लगाकर लगभग चार घंटे स्टीचिंग की थी और ऑपरेशन के पहले ही कहा था जैसा अब दौड़ते हो वैसा ही दौड़ते रहोगे- निश्चित रहो और कहा वॉकमैन पर गाने सुनते रहो जब तक मैं स्टीच करता हूं।
सारंगी ने आगे लिखा, “जब आप कोविड काल में जीवन की जंग लडक़र व जीतकर वापस लौटे थे, तब कहा था कुणाल पॉवर, प्रसिद्धि, पैसा सब सेकेंडरी सबसे बड़ा स्वास्थ्य। मेरे आग्रह पर भी और वैसे भी अनगिनत मरीज़ों की मदद, सेवा की और जि़ंदगियों को आपने बचाया। आप जैसे लोग ईश्वर कम बनाते हैं। आप जहाँ भी गए हैं, वहां से अपना आशीर्वाद बनाए रखिएगा। डॉ नागेंद्र सिंह अमर रहें।”
अनगिनत पुरस्कारों से हुए सम्मानित
डा सिंह को उनकी चिकित्सा सेवा के लिये अनगिनत संस्थाओं द्वारा सम्माानित किया है। चमकता आईना के स्थापना दिवस पर पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सम्मानित किया था।

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