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उपायुक्त के आदेश पर छात्रा दामिनी सवर को साथ लेकर कॉलेज पहुंचे डीईओ
कॉलेज के चेयरमैन ने सचिव को तीन वर्षीय कोर्स की फीस माफ करने की अनुमति दी ।
तीन वर्ष की 3.5 लाख रुपये फीस अब नहीं चुकानी पड़ेगी दामिनी सबर को।
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गुलगुलिया समुदाय की पहली इंटर पास छात्रा दामिनी सबर का नर्स बनने का सपना अब साकार होने जा रहा है। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर दामिनी का नामांकन पोटका प्रखंड के गीतीलता स्थित रंभा नर्सिंग काॅलेज में कराया जाएगा। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
शनिवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) मनोज कुमार स्वयं दामिनी को साथ लेकर रंभा नर्सिंग कॉलेज पहुंचे और उसका जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) कोर्स में नामांकन पत्र भरवाया। इस अवसर पर कॉलेज के सचिव गौरव बचन और छात्रा की मदद कर रहे चाकुलिया के समाजसेवी विनीत रुंगटा भी उपस्थित थे। पूर्व में कॉलेज प्रबंधन ने केवल आधी फीस माफ करने की बात कही थी, लेकिन जब दामिनी की पारिवारिक स्थिति की जानकारी हुई तो कॉलेज सचिव गौरव बचन ने चेयरमैन से बात कर अनुमति ली और सहृदयता
दिखाते हुए पूरे तीन वर्षीय कोर्स की फीस (3.5 लाख) माफ करने की घोषणा कर दी। साथ ही, समाजसेवी बिनीत रूंगटा ने छात्रा के हॉस्टल खर्च की जिम्मेदारी लेने की बात कही। अब आगामी अगस्त से शुरू होने वाले सत्र में दामिनी रंभा नर्सिंग कॉलेज में अध्ययन आरंभ करेगी। तीन साल बाद वह नर्स बनकर न केवल आत्मनिर्भर बनेगी, बल्कि रोगियों की सेवा कर समाज में प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी।
चाकुलिया नगर पंचायत कार्यालय के ठीक सामने स्थित गुलगुलिया बस्ती में रहने वाली दामिनी सबर पहले बस्ती के अन्य बच्चों की तरह ट्रेन में झाड़ू लगाने और भीख मांगने का काम करती थी। लेकिन शिक्षा के प्रति उसकी रुचि और ललक बचपन से ही गहरी थी। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद दामिनी ने वर्ष 2023 में मैट्रिक तथा 2024 में इंटर (कला संकाय) की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। आगे की पढ़ाई उसके लिए कठिन हो गई थी, क्योंकि न तो
उसके पास आर्थिक संसाधन थे और न ही आवश्यक जाति प्रमाणपत्र। इस बात को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने गंभीरता से लिया और डीईओ मनोज कुमार को निर्देश दिया कि वह दामिनी के नामांकन की पहल करें। डीईओ ने सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल से संपर्क किया। डाॅ पाल ने रंभा कॉलेज प्रबंधन से बात कर छात्रा के नामांकन की व्यवस्था की और यह भी स्पष्ट किया कि उपायुक्त स्वयं इस विषय में व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन ने तत्परता दिखाते हुए नामांकन की सहमति दी और आज दामिनी के निशुल्क नर्सिंग शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हो गया है।