चिंतन शिविर -‘पार्टी ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है अब समय है कर्ज उतारने का- सोनिया

उदयपुर : उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर संगठन को मजबूत करने की अपील पार्टी कार्यकर्ताओं से की है। ‘पार्टी ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है अब समय है कर्ज उतारने का।’उन्होंने कहा कि हाल में मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं हैं। हर बार हमारे संगठन ने असरदार प्रतिक्रिया दर्शायी हैं। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जा सकता है। इस बात के प्रति मैं पूरी तरह सचेत हूं। हर संगठन को न केवल जीवित रहने के लिए बल्कि बढ़ने के लिए समय-समय पर अपने अंदर परिवर्तन लाने होते हैं। हमें सुधारों की सख्त जरुरत है। रणनीति में बदलाव, रोजाना काम करने में परिवर्तन ये सब बुनियादी मुद्दा है।

सोनिया गांधी का बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला
कांग्रेस के चिंतन शिविर में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा। महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमा मंडन किया जा रहा। नोटबंदी का जिक्र करते हुए बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा। सोनिया गांधी ने कहा कि बीजेपी और RSS की नीतियों के कारण देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस पर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है।

ऐसा माहौल पैदा किया गया है कि लोग लगातार डर और असुरक्षा के भाव में रहें। अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से क्रूरता के साथ निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यक हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं।
‘लोगों की हमसे जो उम्मीदें हैं उनसे हम बेखबर नहीं’
सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कांग्रेस चिंतन शिविर के उद्घाटन संबोधन के दौरान कहा कि लोगों की हमसे जो उम्मीदें हैं उनसे हम बेखबर नहीं हैं। हम यहां पूरी विनम्रता के साथ आत्म निरीक्षण तो कर ही रहे हैं, हमें उम्मीद है कि जब हम यहां से निकलेंगे तो एक नई ऊर्जा के साथ प्रेरित होकर निकलेंगे। यह राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और सार्थक आत्मनिरीक्षण का अवसर है।
‘बीजेपी और RSS की नीतियों के कारण देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस पर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है।’

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