जमशेदपुर; दूसरे राज्य से बालू मंगाने की इजाजत दे सरकार – प्रभाकर सिंह

बैठक करते बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य

Jamshedpur : \पूर्वी सिंहभूम में उत्पन्न बालू एवं गिट्टी संकट के मद्देनजर मंगलवार को बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जमशेदपुर शाखा की बैठक अध्यक्ष प्रभाकर सिंह की अध्यक्षता में हुई. प्रभाकर सिंह ने कहा कि जिले सहित पूरे प्रदेश में उत्पन्न बालू एवं गिट्टी संकट से सीधे तौर पर आधारभूत संरचना से संबंधित निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं. भवन निर्माण से संबंधित प्रोजेक्ट भी अधर में लटक गए हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार की अदूरदर्शिता के कारण पूरे राज्य में बालू का संकट उत्पन्न हुआ है. प्रत्येक वर्ष 10 जून से 15 अक्टूबर तक एनजीटी द्वारा बालू उठाव पर रोक लगाई जाती है. इसको लेकर सरकार को पहले से ही तैयारी करनी चाहिए थी. पिछले दो वर्ष से राज्य में बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं हुई और न ही पत्थर खनन के लिए नई लीज दिया गया. बिल्डर्स और ठेकेदार बालू एवं गिट्टी संकट से जूझ रहे हैं.

हजारो लोग होंगे बेरोजगार
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य प्रभावित होने से इस क्षेत्र से जुड़े लोंगो के जीवन पर पड़ा हैं ,इस क्षेत्र से लाखों कुशल एवं अकुशल श्रमिक जुड़े हैं ,जिनका परिवार और जीविकोपार्जन इस क्षेत्र के विकास पर निर्भर करता हैं, राज्य में उत्पन्न बालू संकट से निर्माण क्षेत्र के सभी प्रोजेक्ट अधर में लटक गए है जिससे इश क्षेत्र से जुड़े लेगे के सामले रोजाहगर का संकट उत्पन्न हो गया है.

दोहरे मार झेल रहे है बिल्डर्स

भवन निर्माण के लिए जरूरी संसाधनों सीमेंट ,सरिया ,बालू एवं गिट्टी की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई हैं. ,जिसका असर सीधे आवास निर्माण की लागतों पर पड़ा हैं, इस क्षेत्र से जुड़ी व्यवसायिक इकाइयां मटेरियल की बढ़ती कीमतों के कारण अपने प्रोजेक्ट को समय से पूरा नही कर पा रही हैं ,कई छोटे एवं बड़े प्रोजेक्ट्स बैंक से लिये गए लोन पर बनाई जा रहीं हैं ,समय से प्रोजेक्ट पूर्ण नही होने पर बैंक को ज्यादा ब्याज का भुगतान करना पड़ रहा हैं, भवन निर्माण से जुड़ी रेगुलेटरी रेरा ग्राहकों को ससमय आवास नही सुपुर्द करने पर भारी फाइन लगाती हैं, कई परियोजना बंद हो जाएंगी ,वित्तिय संस्थाओं एवं निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा ,

दूसरे प्रदेश से बालू मंगाने की इजाजत गे सरकार

उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से निर्माण सामग्री मंगाने पर प्रदेश की सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा हैं ,सरकार को प्रत्यक्ष रूप से खनन रॉयल्टी ,व्यवसायियों का आयकर और जीएसटी का नुकसान हो रहा हैं,इसका असर राज्य के विकास दर पर पड़ रहा हैं, झारखंड सरकार से हमारी मांग हैं जब तक वो अपने खनन लीज पट्टे का नवीनीकरण नहीं करती हैं ,तब तक विकल्प के रूप में हमें दूसरे प्रदेशों से निर्माण सामग्री बालू ,गिट्टी इत्यादि खरीदने की अनुमति प्रदान करें ,जिससे सभी प्रोजेक्ट समय पर पूरा किया जा सके. प्रभाकर सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा यदि इस संबंध में कोई ठोस निर्णय नही लिया जाता है तो एसोसिएशन आंदोलन के लिए बाध्य होगा.

Share this News...