डॉक्टर की कमी से मरीज बेहाल
आदित्यपुर : सोमवार की सुबह आदित्यपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब 11 बजे के करीब तुलसी सिंह नामक गर्भवती महिला (पति अजय सिंह) प्रसव पीड़ा से कराहती हुई अस्पताल पहुंचीं। खानाबदोश जीवन जीने वाले दंपती टोल ब्रिज के पास रहते हैं। अस्पताल गेट के भीतर प्रवेश करते ही महिला ने एक बच्ची को जन्म दे दिया। आनन-फानन में स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रसूता और नवजात को भर्ती कराया। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।
डॉक्टर की कमी, एएनएम के भरोसे प्रसव
आदित्यपुर पीएचसी में चिकित्सक उपलब्ध नहीं रहते। ज्यादातर प्रसव एएनएम (सहायक नर्स दाई) के सहारे कराए जाते हैं। सोमवार को ओपीडी में अनुबंधित चिकित्सक डॉ. श्वेता अग्रवाल ड्यूटी पर थीं। उन्होंने अकेले एक ही दिन में 200 से अधिक मरीजों का इलाज किया। यह हाल तब है जब लाखों की आबादी इस स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है।
पदस्थापित डॉक्टर तैनाती स्थल से गायब
यहां पदस्थापित चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. लक्ष्मी कुमारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गम्हरिया का प्रभारी बना दिया गया है। नतीजन वे आदित्यपुर पीएचसी में कार्यरत नहीं रहतीं। ऐसे में इलाज कराने आए मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
जनप्रतिनिधियों ने उठाई थी आवाज
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पूर्व में सिविल सर्जन से अतिरिक्त चिकित्सक बहाल करने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। चिकित्सकों की घोर कमी का खामियाजा आम मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।आदित्यपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की यह स्थिति न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि लाखों की आबादी वाले इस इलाके में बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं किस हद तक बदहाल हैं।