राजस्थान के कोटपूतली बहरोड़ में संविधान दिवस पर जिला कलेक्टर कार्यालय एक सादगीपूर्ण शादी का साक्षी बना. बानसूर के गूंता शाहपुर निवासी हेमंत मेहरा और हनुमानगढ़ की करीना काला ने दहेज और फिजूलखर्ची से दूर रहकर विवाह किया. दोनों न्यायिक अधिकारी हैं और उन्होंने संविधान को साक्षी मानकर शादी रचाई.
संविधान दिवस के दिन रचाई शादी
हेमंत मेहरा सिविल न्यायाधीश हैं और चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर में पदस्थापित हैं. करीना काला प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी हैं. दोनों ने कहा कि वे न्यायिक सेवा में हैं और संविधान को सर्वोपरि मानते हैं. इसी विश्वास के कारण उन्होंने संविधान दिवस को विवाह के लिए चुना.
शादी में मौजूद रहे DM, SDM
शादी में दोनों परिवारों के साथ जिला कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी और एडीएम ओमप्रकाश सहारण मौजूद रहे. अधिकारियों ने नवविवाहितों को आशीर्वाद दिया. दो युवा जजों की इस पहल ने दहेज विरोध और सामाजिक सादगी का मजबूत संदेश दिया.
हेमंत का जन्म गूंता शाहपुर बानसूर में हुआ. उन्हें कोरोना काल के बाद पोस्टिंग मिली. वर्ष 2021 में कोरोना अवधि में उन्हें बानसूर में प्रशिक्षण मिला. इसके बाद जोधपुर और फिर प्रोविजनल अवधि के बाद जयपुर जिला सेशन कोर्ट में पोस्टिंग हुई. उनके पिता रिटायर्ड टीचर हैं और मां गृहणी हैं. बड़े भाई खेती करते हैं. सिविल न्यायाधीश बनने से पहले हेमंत ने बानसूर में वकालत भी की.
करीना काला नोहर हनुमानगढ़ की रहने वाली हैं. उन्होंने आरजेएस परीक्षा पास की और फिलहाल प्रशिक्षण पर हैं. उनके पिता एमपी काला रिटायर्ड प्राचार्य हैं और मां गृहणी हैं. परिवार की मौजूदगी में संपन्न यह शादी सादगी और दहेज मुक्त विवाह की मिसाल बन गई है.
