सुप्रीम कोर्ट से बीसीसीआई को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद अब सौरव गांगुली अगले तीन साल तक बीसीसीआई के अध्यक्ष बने रह सकते हैं. इसके अलावा जय शाह का भी अगले तीन साल तक बीसीसीआई सचिव बने रहना तय है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बोर्ड के सविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने दी संविधान में बदलाव करने की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को बड़ी राहत दी है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बोर्ड के संविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली अगले तीन तक बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं. वहीं सौरव गांगुली के अलावा बीसीसीआई के सचिव जय शाह भी बीसीसीआई के सचिव के पद पर अगले तीन तक काबिज रह सकते हैं.
सौरव गांगुली और जय शाह की नहीं जाएगी कुर्सी
सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और बीसीसीआई सचिव जय शाह को भी बड़ी राहत मिली है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बोर्ड के संविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत दे दी है. अब इसके बाद सौरव गांगुली अब अगले तीन साल तक बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर बने रह सकते हैं. वहीं जय शाह भी अपने पद पर अगले तीन के लिए बने रह सकते हैं.
बोर्ड में 2019 में याचिका दाखिल की थी
BCCI ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड के प्रावधान को खत्म करने की इजाजत मांगी थी।
BCCI को क्या आपत्ति है?
इस मामले में BCCI का कहना है कि कूलिंग ऑफ पीरियड किसी सदस्य के एक ही स्थान पर लगातार छह साल तक पद संभालने के बाद आना चाहिए, न कि स्टेट फेडरेशन या BCCI या दोनों को मिलाकर। मौजूदा संविधान के मुताबिक पदाधिकारी अगर राज्य संघ या BCCI या इन दोनों को मिलाकर छह साल का कार्यकाल पूरा करता है तो उसे कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा।