इस जिले में अवैध बालू के खिलाफ आवाज बुलंद करने पर पुलिस करती हैं पत्रकार की पिटाई

चांडिल । इन दिनों झारखंड के कई इलाकों में अवैध बालू खनन और फिर उस बालू की अवैध रूप से खरीद बिक्री का खेल चल रहा है। विपक्ष द्वारा लगातार सरकार और जिला प्रशासन के संरक्षण व मिलीभगत से अवैध बालू खनन का आरोप लगाया जा रहा है। पर, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि झारखंड में एक ऐसा भी जिला है, जहां अवैध बालू कारोबार के खिलाफ आवाज बुलंद करने अवैध खनन पर समाचार संकलन करने पर पुलिस द्वारा पत्रकार की पिटाई की जाती हैं। इस जिले का नाम सरायकेला – खरसवां है। बीती रात को ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें पुलिस द्वारा स्थानीय पत्रकार की जमकर पिटाई कर दी गई हैं। बताया जाता है कि सरायकेला – खरसवां जिले के तिरुलडीह, ईचागढ़, नीमडीह व चांडिल थाना क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर अवैध बालू खनन और खरीद बिक्री का कारोबार फलफूल रहा है। जाहिर सी बात है कि बगैर प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण या मिलीभगत के अवैध बालू का कारोबार संभव नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते शुक्रवार की रात को तिरुलडीह से पश्चिम बंगाल की ओर दो अवैध बालू लोड ट्रैक्टर जा रही थी। इस दौरान तिरुलडीह मार्केट में बैठे ग्रामीणों की नजर ट्रेक्टरों पर पड़ी तो ग्रामीणों ने ट्रेक्टरों को रोक दिया। जिससे दोनों ट्रैक्टर के चालक वहां से भाग खड़े हुए। इधर, ग्रामीणों ने अवैध ट्रैक्टर पकड़े जाने की सूचना स्थानीय पत्रकार बिद्युत महतो को दी। जिसके बाद वहां पर पत्रकार बिद्युत महतो पहुंचा और वीडियो रिकॉर्डिंग की। वहीं, बिद्युत महतो ने फोन पर अवैध बालू लोड ट्रैक्टर की जानकारी तिरुलडीह थाना प्रभारी राकेश मुंडा को दी। इसके बावजूद थाना प्रभारी न तो तिरुलडीह मार्केट आए और न ही किसी पुलिस कर्मी को वहां पर भेजकर मामले की जानकारी लेना जरूरी समझा। तकरीबन एक घंटे बीतने के बाद भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने ट्रैक्टरों को स्वयं तिरुलडीह थाना ले गया, जहां पीछे से पत्रकार बिद्युत महतो भी पहुंचा था। थाना गेट से पत्रकार ने थाना प्रभारी को फिर फोन कर बताया कि ट्रैक्टर को ग्रामीणों ने गेट के सामने लाया है, उसे जप्त किया जाय। लेकिन थाना प्रभारी थाने से नहीं निकले। बताया जाता है कि कुछ पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों को गोली मारने की धमकी दी, जिससे ग्रामीण डर गए और थाना गेट से भाग खड़े हुए। जिसके बाद पत्रकार बिद्युत महतो वहां के अवैध बालू लोड ट्रेक्टरों का वीडियो बनाना शुरू किया, इसी दौरान तिरुलडीह थाना के कुछ पुलिस कर्मियों ने बिद्युत महतो की जमकर पिटाई कर दी। दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार पुलिस की पिटाई से गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं, स्थानीय दोस्तों को फोन कर घटना की जानकारी दी। जिसके बाद उसे तिरुलडीह स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां से देर रात एमजीएम जमशेदपुर रेफर किया गया है। आज सुबह एमजीएम अस्पताल में पत्रकार बिद्युत महतो भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। उसे पैर, पीठ, कमर में चोटें आई है। बिद्युत महतो ने बताया कि सोची समझी साजिश के तहत तिरुलडीह थाना प्रभारी और अन्य पुलिस कर्मियों ने उसकी पिटाई की है। बिद्युत महतो के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट को लेकर कोल्हान के पत्रकारों ने आक्रोश जताया है और तिरुलडीह थाना प्रभारी राकेश मुंडा एवं अन्य दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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