फादर स्टेन स्वामी के मिर्त्यु के बाद अब उनकी अस्थि के साथ राजनीतिक और धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है झारखण्ड
Jamshedpur,16 July :विश्व हिंदू परिषद प्रान्त प्रचार प्रसार प्रमुख संजय कुमार ने राज्यपाल से मांग की है कि फादर स्टेन स्वामी की अस्थियों के सार्वजनिक भ्रमण पर रोक लगाई जाए। श्री कुमार ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि
भीमा गोरेगांव हिंसा व धर्मान्तरण गतिविधियों में शामिल 2018 से महाराष्ट्र के जेल में बंद फादर स्टेन स्वामी की मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर को जलाया गया जबकि वे ईसाई समुदाय से आते हैं जिसकी परंपरा में पार्थिव शरीर को दफनाया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश है जो सीधे धर्मांतरण से जुड़ी प्रतीत होती है । इस विचाराधीन कैदी फादर स्टेन स्वामी का दाह संस्कार क्यों किया गया ? अब उनकी अस्थि को सभी चर्च में रखकर धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है। ईसाई समुदाय में दाह संस्कार की परंपरा होती । मदर टेरेसा के साथ ऐसा क्यों नहीं किया गया? स्टेन स्वामी की अस्थियों को गिरजाघरों में रखा जा रहा और नगर में भ्रमण कराया जा रहा है, जबकि झारखण्ड में उनका ऐसा कोई कार्य नहीं था जिससे जान भावना जुड़ी हो। वास्तविकता है कि अब आदिवासी सतर्क और जागरूक हो गए है जो ईसाई नही बनना चाहते है , लेकिन उनको भ्रमित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। सनातन परंपरा में अस्थि भ्रमण व नदी प्रवाह की रीति होती है, परन्तु इस परम्परा की आड़ में मिशनरी अपना धर्मान्तरण का खेल खेल रही है, ताकि भोले भाले आदिवासियों को यह बताया जा सके कि हम उसी परम्परा का पालन कर रहे हैं । विश्व हिंदू परिषद प्रान्त प्रचार प्रसार प्रमुख ने कहा इन अस्थियों को चर्च में रखकर भोले-भाले ग्रामीण हिंदुओं को चर्च में बुलाकर प्रार्थना करवाने के बहाने धर्मान्तरण कराने की बड़ी योजना बनाई गई है। श्री कुमार कहा कि फादर स्टेन स्वामी के विरुद्ध NIA की जांच में कई सबूत मिलने के बाद उनकी गिरफ्तारी की गई थी जो मुकदमा अभी न्यायालय में विचाराधीन है।