सोरेन परिवार आदिवासियों की गैरकानूनी ढंग से ली गई जमीन वापस करेगा क्या—रघुवर दास रघुवर दास कुणाल षाड़ंगी व लखन मार्डी के नामांकन कार्यक्रम में शामिल हुए

घाटशिला 15 नवंबर संवाददाता :- झारखंड मुक्ति मोर्चा से बाप- बेटा मुख्यमंत्री बने,मगर आदिवासी और संथाली के हित की बात करने वाले इन लोगों ने कभी इनका हित नही किया ,इन्हें मैं चुनौती देता हूं की ये एक भी काम बताया जो इन्होनें उनके हित में किया हो.इन्होंने संथाल और आदिवासी के नाम पर सिर्फ मत पेटी और अपनी अर्थ पेटी भरी है.घूम- घूम कर पूरे राज्य में आदिवासियों की जमीन को छिनने का काम किया. उन गरीब आदिवासियों की जमीन वापस करो, जिसे आप लोगों ने छीना है. मैं पूछता हूं..क्या सोरेन परिवार *सोहराय भवन* की जमीन को वापस करेगा,क्या सोरेन परिवार पाकुड़ में आदिवासी की ली गई 50 एकड़ जमीन वापस करेगा.ऐसे कई आदिवासी जमीन हैं जिसे गैर कानूनी ढंग से सोरेन परिवार द्वारा लिया गया. क्या उन आदिवासियों को जमीन सोरेन परिवार वापस करेगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कभी आदिवासियों को और कांग्रेस ने मुसलमानों को इस देश का नागरिक नहीं समझा, इन दोनों पार्टियों ने इन्हें सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखा है और उपयोग किया है.ये बातें रघुवर दास ने घाटशिला में आयोजित जनसभा में कही. रघुवर दास ने बताया कि आज झारखंड स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा कहती है कि अलग झारखंड राज्य उसके प्रयासों का प्रतिफल है, लेकिन आप सभी को 1993 याद होगा जब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2-2 करोड़ रुपये में झारखंड की अस्मिता को बेचने और कांग्रेस ने उस अस्मिता को खरीदने का काम किया था.

*सीसैट को समाप्त करने वाली जेएमएम है*
रघुवर दास ने कहा कि आदिवासी युवाओं के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छल किया है.प्रतियोगी परीक्षाओं में सीसैट को समाप्त कर जनजातीय भाषा में प्रतियोगिता में शामिल हो रहे युवाओं को शामिल होने से वंचित कर दिया,लेकिन वर्तमान सरकार ने सीसैट को पुन: लागू कर जनजातीय भाषाओं को मान्यता दी. जब तत्कालीन मुख्यमंत्री से पूछा गया कि आपने ऐसा क्यों किया तो उनका जवाब था अधिकारियों ने उनसे दस्तावेज पर हस्ताक्षर ले लिए।यह कैसा मुख्यमंत्री जो बिना दस्तावेज देखे सिर्फ अधिकारियों के कहने पर हस्ताक्षर कर दे.

*घाटशिला के बंद माइन्स – 6 माह में खुलेंगे*
रघुवर दास ने कहा कि 2014 से पूर्व केंद्र में यूपीए की सरकार थी. लेकिन घाटशिला के बंद माइंस को पुन: प्रारंभ करने की कवायद शुरू नहीं हुई.जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो के अथक प्रयास का परिणाम है कि यहां बंद माइंस खुले और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ. आने वाले 6 माह के अंदर घाटशिला के बंद अन्य माइंस भी खुल जाएंगे.घाटशिला में पर्यटन की भी बड़ी संभावनाएं हैं, इसको ध्यान में रखकर योजनाओं पर कार्य हो रहा है.इसके लिए ब्लूप्रिंट तैयार हो गया है. पर्यटन क्षेत्र विकसित होने से राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा.पर्यटन के क्षेत्र में राज्य आगे बढ़ा है.

*स्थानीय को चुनें विकास के द्वार खुलेंगे*
रघुवर दास ने कहा कि घाटशिला व बहरागोडा में मतदाताओं की अपेक्षा है कि वे यहां के स्थानीय प्रत्याशी को अपना जनप्रतिनिधि चुने, क्योंकि यहां का स्थानीय ही आपके दुख दर्द और यहां के विकास की आवश्यकताओं को समझ सकता है. वैसे भी विगत 5 वर्ष में घाटशिला बहरागोड़ा का विकास मेरी प्राथमिकताओं में रहा है.बहरागोड़ा और घाटशिला में युवा प्रत्याशी भाजपा ने दिए हैं.एक अधिवक्ता और दूसरा प्रबंधन के क्षेत्र का माहिर युवा है. अब आप क्षेत्र के विकास, राज्य के विकास को ध्यान में रखते हुए एक बेहतर जनप्रतिनिधि चुनें.जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप क्षेत्र का विकास कर सके.

*5 वर्ष में हमने बेदाग सरकार दी*
रघुवर दास ने कहा कि राज्य गठन के बाद से झारखंड को भ्रष्टाचार और घोटाला के नाम से जाना जाता था. कॉन्ग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा अन्य दलों ने मिलकर 4 हजार करोड़ के घोटाले को अमलीजामा पहनाया. 2014 के बाद से अब तक वर्तमान सरकार पर भ्रष्टाचार के एक भी आरोप नहीं लगा है.

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