*सुखदेव सिंह झारखंड के नए मुख्य सचिव और राजीव अरुण एक्का बन सकते हैं सीएम के प्रधान सचिव*

रांची : झारखंड के नए मुख्य सचिव (सीएस) सुखदेव सिंह बनाए जा सकते हैं। 31 मार्च को मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। 1987 बैच के आईएएस सिंह अभी गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं। डॉ. तिवारी काे तीन माह का सेवा विस्तार देने पर चर्चा भी हुई, लेकिन सरकार मुख्य सचिव किसी नए अधिकारी को बनाना चाहती है। इस पद के लिए सीएस रैंक के कई अफसरों पर मंथन हुआ है, पर सुखदेव सिंह का नाम सबसे आगे है। वहीं श्रम विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया जा सकता है। इधर, डॉ. तिवारी काे सरकार नई जिम्मेदारी सौंप सकती है। पहले उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए आवेदन दिया था, लेकिन नियुक्ति में फिलहाल देरी होने से उन्हें झारखंड विकास परिषद का सीईओ बनाया जा सकता है।

*डिप्रभा लकड़ा को केंद्र से अनुमति नहीं मिलने पर एक्का की संभावना बनी*
सीएम के प्रधान सचिव पद के लिए पहले दो नाम पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनय चौबे और पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी डिप्रभा लकड़ा आए थे। चौबे उस समय अनिच्छुक दिखे तो सरकार ने उन्हें नगर विकास सचिव बना दिया। वहीं अब डिप्रभा पर केंद्र से अनुमति नहीं मिलने पर राजीव अरुण एक्का के नाम पर मंथन शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार सीएम केंद्र की मंजूरी का ज्यादा इंतजार नहीं करेंगे।

*अभी राज्य में सीएस रैंक के 6 अफसर*

झारखंड में सीएस रैंक के आठ पद हैं। लेकिन छह पदस्थापित हैं। इसके विरुद्ध इस रैंक के 9 अधिकारी केंद्र और राज्य में पदस्थापित हैं। इनमें अमित खरे, एनएन सिन्हा और अलका तिवारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। वहीं झारखंड में डीके तिवारी समेत आईएस चतुर्वेदी, सुखदेव सिंह, अरुण कुमार सिंह, केके खंडेलवाल और एलबी ख्यांगते पदस्थापित हैं। तिवारी के रिटायर होने से सीएस रैंक के तीन पद रिक्त हो जाएंगे। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत 1990 बैच के मुखमीत सिंह भाटिया व एसकेजी रहाटे को परफॉर्मा प्रोन्नति मिल सकती है। झारखंड भवन में पदस्थापित आलोक गोयल की भी प्रोन्नति पर सरकार विचार कर सकती है।

*नए सीएस सुखदेव सिंह ही क्यों:*

झारखंड में प्रशासनिक अनुभव काफी लंबा रहा है। सीएस रैंक के अधिकारियों में वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव आईएस चतुर्वेदी के बाद सबसे सीनियर अफसर हैं।
शिबू सोरेन, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल में प्रधान सचिव रह चुके हैं। इनके रिटायरमेंट का साल 2024 है।

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