जमशेदपुर 16 दिसम्बर संवाददाता :- झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के प्रधान गुरचरण सिंह बिल्ला पर गत 9 नवम्बर को हुई फायंिरह घटना में शामिल दो अपराधी शुटर गालुडीह महोलिया निवासी उतम पंडा उर्फ बुढा व नीमडीह सिमागुन्डा सरायकेला निवासी राज किशोर महतो उर्फ साधु महतो को जिला पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया है.जिनके पास से घटना में प्रयुक्त तीन देशी कट्टा ,सात 3.15 की गोली,एक खोखा व मोटरसाईकिल संख्या जे एच 05 ए आर 0272 बरामद की है.उक्त मामले का खुलासा करते हुये एसएसपी अनुप बिरथरे ने बताया कि कुल चार अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था .दो पकड़े गये है दो फरार है जो आदित्यपुर के निवासी हैं.दोनों अपराधी को मानगो बस स्टैन्ड से गिरफ्तार किया गया है जो भागने की फिराक में थे.पूरी घटना के मुख्य साजिशकर्ता सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे व अमरजीत सिंह अम्बे है.जिनके द्वारा सीजीपीसी कार्यलय में ही साजिश रची गयी थी जो जेल में है.जिला पुलिस के लिये यह चुनौती थी.
घटना का मुख्य कारण गत दिनों टीनप्लेट गुुरुद्वारा मेंं बिल्ला दवारा अपने कार्यकाल में हिसाब किताब ना देने को लिये हुये विवाद में अम्बे की पगड़ी नोंच देना था.जिसके चलते बदले की भावना से घटना को अंजाम दिया गया .बिल्ला को जान से मारने के लिये गिरोह द्वारा कई बार प्रयास किया गया पर सफल ना होने पर अतत: सीतारामडेरा आदिवासी बस्ती के पास उस वक्त गोली मारी गयी थी जब बिल्ला पत्नी गुरप्रीत कौर के साथ गुरुद्वारा में माथा टेकने सुबह साढे चार बजे जा रहे थे.उसके पहले उनके द्वारा एग्रीको मैदान ,गोलमुरी बर्मामाईन्स मार्ग ,व टीनप्लेट गुरुद्वारा के समीप मारने की योजना थी जिसके लिये गत एक माह से प्रयास व रैकी की गयी थी .शुटरो का इंतजाम मुखे ने ही किया था जिसने अपने पुराने साथी बुढा से सम्पर्क साधा था जो की मुखे के साथ जेसीबी से सम्बधित कार्य करता था.मुखे ने ही अम्बे से शुटर की पहचान सीजीपीसी के कार्यलय में घटना के एक माह पहले अक्टुबर माह में करायी थी .बाकी अन्य शुटरो का इंतजाम बुढा ने किया था बुढा शातिर अपराधी है जिस पर सरायकेला मेें कई मामले दर्ज है.आदित्यपुर के दो अपराधियों ने ही दो मोटरसाईकिल का इंतजाम किया था जो कि उन्होंने चोरी की थी .घटना के एक दिन पूर्व यानि 8 नवम्बर को अपराधी सीजीपीसी के कार्यालय में रात लगभग साढे नौ बजे पहुंचे थे जिनके रहने का इतंजाम मुखे ने कराया था .सीजीपीसी के ऊपरी तल्ले में बने कमरे में ठहराया गया था .उनके रुकने की पुष्टि गार्ड महेन्द्र सिंह ने की है. उसने बताया कि मुखे ने कहा कि ये हमारे मेहमान है जो रात में रुकेगें मेरे से कमरे की चाभी ले ली है .महेन्द्र ने मुखे से कहा था कि सुबह में चाभी कैसे मिलेगी तो बोला था कि गेट के पास चाभी रखकर चले जायेगें .साढे छह बजे गार्ड पहुंचा तो चाबी उसने ले ली.घटना के दिन 9 नवम्बर को हमलवार काशीडीह पहुंचे तो मुखे व अम्बे ने फोन कर सुचना दी जिसके कहने पर वे उरांव बस्ती होते हुये पहुंचे व की पहचान के अनुसार अम्बे ने इशारा किया की बिल्ला आ रहा है उनके दवारा पीछा कर गोली चलायी गयी परन्तु बिल्ला ने हाथ मार दिया झटके से पिस्टल गिर गयी तो वह जान बचाने की नियत से भागने लगा तो जिस पर अंधाधुन्ध गोली चलायी गयी थी तीन गोली लगी थी.हथियार सभी ने अपने स्तर से ही लाये थे.घटना को अंजाम देने के बाद मुखे से कहा था की काम हो गया घटना को अंजाम देने के बाद गिरफ्तार शुटर सलागाझुडी होते हुये नीमडीह चले गये व जो पकडाये नही है वे उरांव बस्ती काशीडीह होते हुये आदित्यपुर में जाकर शरण लिये है.कुल पांच लाख मेंं सौदा हुया था पचास हजार दिये गये थे.सिटी एसपी सुभाषचन्द्र जाट के नेत्तृव में टीम का गठित की गयी थी टीम में प्रथम मुख्यालय डीएसपी पवन कुमार ,सीतारामडेरा थाना प्रभारी अंजनी कुमार ,सिदगोडा थाना प्रभारी मनोज कुमार ठाकुर ,चाकुलिया थाना प्रभारी पुअनि अनिल नायक,गालुडीह थाना प्रभारी प्रभात कुमार आदि शामिल थे.