रावण के अहंकार ने खाक कर दी सोने की लंका: रवीन्द्र रावण से बढिय़ा विकास किसी ने नहीं किया लेकिन चाहत आज भी है रामराज्य की ही

जमशेदपुर, 19 जनवरी (रिपोर्टर): भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद रवीन्द्र राय रविवार को ब्रह्मर्षि विकास मंच, जमशेदपुर द्वारा स्थानीय नीलडीह पार्क में आयोजित वनभोज में भाग लेने आए हुए थे. पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कई मुद्दों पर वे खुलकर बोले. जब उनसे यह पूछा गया कि भाजपा ने झारखंड में पांच साल तक स्थाई सरकार दी, विकास भी किया, फिर वह सत्ता में दुबारे क्यों नहीं लौट पायी, चूक कहां हो गई? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि विकास को देखने का नजरिया बदल चुका है. रावण से बढिय़ा विकास किसी ने नहीं किया था लंका का. उसने सोने की लंका बना दी थी लेकिन उसके अहंकार के कारण सोने की लंका खाक हो गई. दूसरे विकास का मॉडल श्रीराम का था-रामराज्य…दैहिक दैविक भौतिक तापा, रामराज नहिं काहुहि व्यापा..इसमें सामाजिक समरसता है, सरोकार हैं, परस्पर प्रेम है, नीति आधारित शासन है, इसलिए आज भी ऐसे राज्य की लोग कामना करते हैं. समृद्धि और विकास जब सही मायने में आते हैं तो परस्पर प्रेम भंग नहीं होता है. दूसरे के आत्मसम्मान और स्वाभिमान का खयाल रखा जाता है. इससे बड़ी कोई संपत्ति नहीं होती….कोई किसी पर हावी नहीं हो जाता….एक व्यक्ति ने खता की और समाज ने सजा पायी. हम लोगों की भावना को जीतने में कमजोर पड़ गए. इसलिए दुबारे सत्ता में नहीं लौट पाए.
1932 के खतियान पर गुरुजी का बयान राजनीतिक
पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन द्वारा स्थानीयता के लिए 1932 के खतियान को आधार बनाने वाले वक्तव्य पर उन्होंने कहा कि इसे अब राजनीति का विषय नहीं बनाना चाहिए. सदन के भीतर और बाहर के वक्तव्य में साम्य होना चाहिए. एक मुख्यमंत्री के तौर श्री सोरेन खुद साल 2008-09 में कह चुके हैं कि हमसे ज्यादा बाहरी-भीतरी की लड़ाई किसी ने नहीं लड़ी है….इसलिए जो झारखंड में रहता है, वह झारखंडी है. विधानसभा के संग्रहालय में इसका रिकार्ड है.
विधानसभा में विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी पर उन्होंने कहा कि यह चिंता हमारे संगठन से ज्यादा बाहरी लोगों को है. अभी-अभी तो चुनाव संपन्न हुए हैं, रायशुमारी चल रही है. जल्द ही निर्णय सामने आएगा.
भाजपा और बाबूलाल का डीएनए एक
श्री राय ने कहा कि भाजपा और झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी का डीएनए एक है. दूरियां जबतक हैं, तबतक हैं. जब आएंगे तो हम गले लगाने को तैयार मिलेंगे. मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा तुम्हारे लिए…हम तो दूसरों को गले लगाते हैं, वे तो अपने हैं. उनका आना दल हित और उनके भी हित में होगा. पार्टी एकजुट होगी. यह कहना है भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद रवीन्द्र राय का. वे रविवार को ब्रह्मर्षि विकास मंच, जमशेदपुर द्वारा स्थानीय नीलडीह पार्क में आयोजित वनभोज में भाग लेने यहां आए हुए थे. पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कई मुद्दों पर वे खुलकर बोले. झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के भाजपा में आने के कयासों पर उन्होंने उपरोक्त टिप्पणी की.

Share this News...