राज्य का खजाना खाली, कार्यवाहक सीएम जाने से पहले श्वेत पत्र जारी कर बताए स्थिति: सरयू राय सरयू राय ने कहा कि पांच साल में जनता पर कितना बोझ बढ़ा, यह जानना है जरूरी

रांची. 27 दिसंबर जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा है कि झारखंड सरकार के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास को पद छोडऩे के पहले यह बताना चाहिए कि राज्य सरकार की वर्तमान आर्थिक स्थिति कैसी है। उनके कार्यकाल में कितनी सहायता राशि केंद्र सरकार से मिली, कितनी राशि वित्तीय संस्थनों से कर्ज एवं उधार के रूप में ली गई। कितनी राशि राज्य सरकार के कर एवं गैर कर स्रोतों से आय के रूप में प्राप्त हुई।
2015 से 2019 के बीच 5 वर्षों में राज्य के ऊपर कर्ज का कितना बोझ बढ़ा। कितने की योजना प्रत्येक वर्ष बनी और कितना पैसा खर्च हुआ। जो बजट और योजना की राशि सरकार ने प्रत्येक वर्ष व्यय के रूप में निर्धारित किया, वह कितना वास्तविक था और कितना जनता को दिखाने के लिए बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया। खासकर वर्तमान वित्तीय वर्ष में ये आंकड़े क्या हैं और कितना धन पीएल अकाउंट में जमा कर खर्च दिखाया गया है।
रोजाना की खर्च के लिए वित्त विभाग को धन जुटाना मुश्किल
सरयू राय ने कहा कि वस्तु स्थिति यह है कि फिलहाल राज्य सरकार का खजाना बिलकुल खाली हो गया है और रोजाना की खर्चों की भरपाई करने के लिए वित्त विभाग को धन जुटाना मुश्किल हो रहा है। राज्य के कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है और हजारों करोड़ रुपए का भुगतान रुका हुआ है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सरकार ने 80 हजार करोड़ रुपए का बजट बनाया था जबकि उसकी क्षमता 60 हजार करोड़ से अधिक की नहीं थी। इसी तरह 44 हजार करोड़ रुपए का योजना बजट बना, कुछ महीनों के बाद इसे घटाकर 33 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया। वस्तु स्थिति यह है कि 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक योजना मद में खर्च नहीं हो सकेगा। जो खर्च नहीं हो रहा है, उसे पीएल अकाउंट में जमा दिखाकर खर्च बता दिया जा रहा है।
डबल इंजन की सरकार में राज्य की अर्थव्यवस्था दिवालिया हो गई…
सरयू राय ने कहा कि दो दिन बाद आने वाली सरकार को रघुवर सरकार एक दिवालिया अर्थव्यवस्था सौंप रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के तीन महीने अभी बाकी हैं। सरकार टकटकी लगाए बैठी रहेगी कि केंद्रीय सहायता अकाउंट्स कब आ रहा है। पहले तो डबल इंजन सरकार थी तब राज्य की अर्थव्यवस्था दिवालिया हो गई, अब क्या होगा यह एक बड़ा प्रश्न है। इसलिए पद छोडऩे के पहले कार्यवाहक मुख्यमंत्री को इस बारे में एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए और बताना चाहिए कि राज्य के वित्त व्यवस्था की स्थिति आखिर ऐसी किन कारणों से हो गई।

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