जमशेदपुर 21 मई संवाददाता :- जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद्’ द्वारा भोजपुरी साहित्य के शालाका पुरुष एवं परिषद् के पूर्व प्रधान सचिव स्व. डॉ. रसिक बिहारी ओझा ‘ निर्भीक ‘ की 88 वीं जयंती सह काव्य गोष्ठी ऑनलाइन विडियो कन्फेंसिंग के जरिये किया गया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद् अध्यक्ष डॉ. नर्मदेश्वर पाण्डेय तथा संचालन सह सचिव डॉ. संध्या सिन्हा ने किया । मुख्य अतिथि के रुप में बक्सर से भोजपुरी के कहानी विशेषज्ञ तथा प्रखर वक्ता डॉ. विष्णुदेव तिवारी उपस्थित थे ।
कार्यक्रम के आरम्भ में दीप प्रज्वलन एवं डॉ. निर्भीक के चित्र पर श्रद्धांजलि स्वरुप माल्यार्पण किया गया । तदनुपरान्त वीणा पाण्डेय ‘भारती’ द्वारा सस्वर सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई —
‘ आव चुनरी चढाई ज्ञान दायिनी के
माता भारती कमलदल वासिनी के…।’
इसके बाद प्रधान सचिव डॉ. अजय ओझा ने उपस्थित रचनाकारों के समक्ष स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया । तत्पश्च्यात् मुख्य अतिथि डॉ. तिवारी ने स्व. निर्भीक के व्यक्तित्व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला ।
कार्यक्रम के दुसरे सत्र में उपस्थित सभी रचनाकारों ने विभिन्न विषयों को स्पर्श करती हुई अपनी स्वरचित गीत, गजल एवं कविताएँ प्रस्तुत की —
‘ आजु हम सुनावत बानी
औरत के हाल हो……।’
—- माधवी उपाध्याय
‘हवा में सीप के खेती कइल बहुत सुनलीं ।
जमीं प नेह क बिरवा कबो फरल नाहीं ।।
बडा विचार के आँचर उहाँ बिछवलीं हा ।
सुधा के मेह का बरिसी चुअल गरल नाहीं ।।
—- डॉ. विष्णुदेव तिवारी
‘ हम भोजपुरिया बानी देश के शान हो…..
हम भोजपुरिया भइया, हम भोजपुरिया
मेहनत आ सच्चाई ह ईमान हो
हम भोजपुरिया भइया, हम भोजपुरिया ।’
— राजेन्द्र ‘ राज ‘
‘ चोरी, बैमानी, शैतानी सीख लिहिती,
हमहूँ एक दिन नेता बन जइतीं ।’
— डॉ. अजय ओझा
‘ अपने प आपन बा पहरा
आइल वक्त बहुतबा गहरा ।’
— डॉ. संध्या सिन्हा
‘हरदम रहे लुकाइल बाकिर लुका न पावे,
बेनांव के नगरिया में नांव ले बुलावे
जरत चिता सुनते हर बेर उठि के धाई ।
अइसन अरुप मितवा के रुप गुनगुनाई ।’
— अनिरूद्ध त्रिपाठी ‘ अशेष ‘
‘बाबा जब जब वचन बतवलन
अंसुवन धार से खूब नहवलन
सात योजन पार से हम सब
जननी धरा देखे आइल बानी
गंगा मां। के दर्शन पा खूबे हर्षाइल बानी ।’
—- डॉ. नर्मदेश्वर पाण्डेय
परिषद् के संयुक्त सचिव माधवी उपाध्याय ने आभार व्यक्त किया ।