नोवामुंडी, बड़ाजामदा में लौह अयस्क का धड़ल्ले से अवैध उत्खनन, रात के अंधेरे में हो रहा काला खेल

 

स्थानीय लोगों को दिखाया जा रहा पुलिस प्रशासन का भय
जमशेदपुर  सितंबर संवाददाता नोवामुंडी तथा बड़ाजामदा थाना क्षेत्र के विभिन्न गाँवों में एक बार फिर से लौह अयस्क के अवैध उत्खनन का खेल शुरू हो गया है । यह अवैध धंधा पिछले चार दिनों से बेरोकटोक जारी है. रात के अंधेरे में दर्जनों हाईवा अलग अलग स्थानों से अवैध रूप से आयरन की खुदाई कर निकाल रहे हैं . क्षेत्र के ग्रामीण तथा मानकी मुंडाओं को यह कहकर डराया,धमकाया व भयभीत किया जा रहा है कि ज्यादा बोलियेगा,तो डीसी से शिकायत कर मुंडा पद से हटवा दिये जाओगे. प्राप्त जानकारी के अनुसार, लौह अयस्क के अवैध उत्खनन होने की जानकारी प्रशासनिक पदाधिकारियों को भी है पर संभवत: जिले के आला अधिकारियों के कथित दबाव की वजह से सभी जिम्मेदार पुलिस पदाधिकारी व प्रशासनिक पदाधिकारी मौन धारण कर लिया है. ग्रामीणों के अनुसार,ये भारी वाहनों का परिचालन रात के करीब 10 बजे के बाद शुरू होती है,जो सुबह के पांच बजे तक चलते  है. किसकी अनुमति से ये सब अवैध उत्खनन हो रहा है इस संबंध में जब नोवामुंडी के सीओ ,  थाना प्रभारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी जगन्नाथपुर से पूछे जाने पर सभी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. यहाँ के रैयतों,मानकी व मुंडाओं ने बताया कि नोवामुंडी तथा बड़ाजामदा क्षेत्रों में जंगल राज कायम है. यहाँ पहले बालु का अबैध परिचालन चल रहा है. अब दिन रात लौह अयस्क का अवैध धंधा रात दिन बेरोकटोक जारी है. जब इसका विरोध मुंडा व मानकी करते हैं,तो लौह अयस्क माफिया जिले के डीसी का भय दिखाकर चुप करवा देते हैं. इतना ही नहीं, महूदी गाँव के दिऊरीसाई नाला के पास पान ताँती समाज के श्मशान घाट को भी खुदायी कर लौह अयस्क निकाल कर बडाजामदा स्थित प्लॉट में डम्पिंग की गई. ये रात का खेल कौन कर रहा है डर व भय के कारण गाँव के मानकी व मुंडा सिर्फ दबी जुबान से करते हैं. इधर,यहाँ चर्चा है कि लौह अयस्क माफियाओं के द्वारा न सिर्फ लोकल थाना को मैनेज किया गया,बल्कि चाईबासा से लेकर जमशेदपुर तक जिला प्रशासन,खनन विभाग,पुलिस विभाग तथा अंचल कार्यालय को भी मैनेज किया गया है. यहाँ तक कि जन प्रतिनिधि भी इस गोरख धंधा में संलिप्त हैं. मालुम हो कि रविवार की रात लगभग 1 किमी में अवैध उत्खनन किया गया. इस काम में दर्जन भर जेसीबी,लोडर और सैकड़ों हाईवा लगाये जाते हैं.इस दौरान श्मशान स्थल को भी तोड़ा गया. ताज्जुब की बात यह है कि अबैध लौह अयस्क खनन के दौरान  ये माफिया साल व गमार पेड़ों को भी खोदकर गिराया गया. आश्चर्य है कि वन विभाग भी मौन है.

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