हमीरपुरः उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में क्षतिग्रस्त पुल की कोठी की बेयरिंग बदलने को लेकर आज शनिवार से अड़तालीस घंटे के लिए यमुना पुल पर वाहनों की नो इन्ट्री लगाए जाने के दौरान मां के शव को पैदल ही पुल पार करते बेटों को देख आम लोग दंग रह गए। स्ट्रेचर पर रखे मां के शव को एक किमी पैदल पुल पार करते बेटे सिस्टम को कोस रहे थे। यह तस्वीर मीडिया में वायरल होते ही आम लोग दंग है।
उल्लेखनीय है कि यमुना पुल की कोठियों की बेयरिंग बदलने के लिए पीएनसी तकनीकी इंजीनियरों के साथ यहां डेरा डाले है। चौदह जून से इक्कीस जुलाई तक पुल की मरम्मत का काम कराया जा रहा है। डीएम के निर्देश पर यमुना पुल प्रत्येक सप्ताह में पड़ने वाले शनिवार और रविवार को सभी प्रकार के वाहनों की पुल पर नो इन्ट्री लगाई गई है।
हमीरपुर में यमुना पुल की मरम्मत के लिए टीम ने सुबह छह बजे से सभी तरह के वाहनों के पुल से आने जाने पर रोक लगा दी है। बताते है कि पुल बंद होने से आज दिन भर यमुना पट्टी के तमाम गांवों के लोग पैदल ही पुल से आरपार होते रहे। इसी बीच कानपुर से यमुना पुल पार एक शव वाहन को पुल से निकलने पर रोक दिया गया। इस वाहन में हमीरपुर जिले के सुमेरपुर क्षेत्र के टेढ़ा गांव निवासी शिवदेवी का शव रखा था।
लेकिन शव वाहन को पुल से गुजरने नहीं दिया गया। परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन शव वाहन को इन्ट्री नही दी गई। रोते बिलखते परिजन चालकों की मदद से शव वाहन से शिवदेवी के शव को बाहर निकाला गया। बेटों ने स्ट्रेचर पर मां का शव रखकर पैदल ही पुल पार करने लगे। शव लेकर पैदल चलने में थक जाने पर बेटों ने चार जगहों पर शव रखा फिर उठाकर पैदल चलते देख राहगीर दंग रह गए।
मृतका के पुत्र बिंदा ने बताया कि मां के पैर का फैक्चर हो गया था। उसे इलाज कराने कानपुर ले जाया गया था जहां उसकी आज मौत हो गई थी। बताया कि शव वाहन में मां की अर्थी रखकर पुल से निकलने के लिए गिड़गिड़ाये लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। पुल पार करने के बाद मां के शव को आटो में रखकर बेटे अपने गांव चले गए।
बंदी के दौरान यमुनाम पुल से वीआर्ईपी कारे होते ही पार
अन्तर्राष्ट्रीय योगा दिवस पर लखनऊ से प्रमुख सचिव हमीरपुर आए थे जिनकी कार को यमुना पुल पर वाहनों की नो इन्ट्री होने के बावजूद निकाला गया। और तो और मंत्रियों की कारे भी यमुना पुल से खुलेआम पास करा दी जाती है लेकिन मरीजों के एम्बुलेंस व अन्य वाहनों के लिए पुल में इन्ट्री नहीं दी जाती है। आज मां के शव को पैदल ही पुल पार करते परिजनों को देख इंसानियत भी शर्मसार हो गई है। इसकी तस्वीर भी मीडिया में वायरल हो रही है।