आश्चर्य :डीसी लाउंज में तोडफ़ोड़ और गुंडागर्दी पर कोई गिरफ्तारी नहीं

जमशेदपुर 14 अक्टूबर संवाददाता: बिस्टुपुर क्षेत्र में संचालित डीसी लॉउंंज सैलून में कल शाम की गई सरेआम गुंडागर्दी और तोडफ़ोड़ में लिप्त लोगों की पुलिस ने 24 घंटे बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं की है। बच्चों के कथित विवाद में इस तरह की गुंडागर्दी शहर में पहले कभी नहीं दिखी। आश्चर्य है दुकान मालिक द्वारा घटना की सूचना देने और प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद भी पुलिस उन बदमाशों के आगे नतमस्तक है। पता चलता है कि मामले पर लीपापोती कर इसे समझौते के तहत समाप्त करने की कोशिश हो रही है। अलबत्ता हमलावर पक्ष ने धर्म और जाति की दुहाई देकर इस तोडफ़ोड़ को धार्मिक उन्माद फैलाने का रुप दिया है और थाने में खुद भी एफआईआर दर्ज कराया है। 24 घंटे में शहर के आम लोग जान गये कि मामला क्या है लेकिन पुलिस का अनुसंधान नतीजे पर नहीं पहुंचा कि इस घटना को गुंडागर्दी माना जाए या आपसी विवाद। तोडफ़ोड़ सीसीटीवी कैमरे में साफ दिख रहा है जब एक व्यक्ति किसी डंडानुमा वजनी सामान से सैलून के शीशे और कुर्सियां टेबल शो केस तोड़ रहा है। महिला स्टाफ भाग रही हैं। वहां कोई दूसरा पक्ष नहीं है। अगर आपसी विवाद भी है तो क्या किसी को इस तरह की गुंडागर्दी करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर अपना दबदबा कायम करने की छूट दी जा सकती है ?
घटना की शुरुआत कल शाम लगभग छह साढे छह बजे हुई जैसा कि साकची थाना में प्रदीप कुमार ने अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए कही है। काशीडीह मकान नंबर 329 लाइन नंबर 11 में रजनी राव ट्यूशन टीचर के घर से बाहर निकलकर कुछ विद्यार्थी झगड़ा कर रहे थे। प्रदीप कुमार का कहना है कि उनके दो बेटों 14 वर्षीय ऐश्वर्य चौधरी और 9 वर्षीय रुद्राक्ष चौधरी को कुछ बच्चे पीट रहे थे। प्रदीप कुमार ने बीच बचाव कर मामला शांत करा दिया तभी वहां 15 -20 मिनट के बाद 30-35 लडक़े लोहा रॉड, उस्तुरा, डंडा ,इंजेक्सन सिरिंज और नुकीले हथियार के साथ और गाली गलौज करने लगे। उनके पड़ोसी धर्मा राव और आशीष अग्रवाल ने पूछताछ करना चाहा तो उनपर हमला कर दिया। धर्मा राव के सिर पर रॉड से वार किया। आशीष अग्रवाल की भी पिटाई की। हाथापाई के दौरान पड़ोस की महिलाओं के साथ भी दुव्र्यवहार किया गया। प्रदीप कुमार ने हमलावरों के नाम गिनाते हुए उन्हें ग्वाला बस्ती रामदास भट्टा का रहने वाला बताया। उनके साथ 20-25 अज्ञात युवक भी थे। सूचना देने पर साकची पुलिस आई तब हमलावर वहां से भाग गये लेकिन साकची थाने पर पुन: इन हमलावरों के अगुवा कुछ लोग पहुंचे और वहां भी धर्मा राव पर हमला कर दिया। उसके साथ संतोष सिंह पर भी वार किया। सभी हमलावर डीसी लांज के मालिक को थाने में ही सबक सिखाने और खुलेआम गोली मारने की धमकी दे रहे थे । अभी थाने में यह सब दबंगई चल ही रही थी कि सूचना मिली कि रामदास भट्टा बिष्टुपुर स्थित उनके प्रतिष्ठान डीसी लाउंज पर तोडफ़ोड़ कर दी गई है। वहां भी 20-25 हमलावर गये थे जिनमें एक हमलावर लोहे के रॉड से सैलून में तोडफ़ोड़ करते हुए सीसीटीवी कैमरा में साफ देखा जा सकता है। पुलिस ने किसी हमलावर की गिरफ्तारी नहीं की। अलबत्ता दूसरे पक्ष के आसीफ द्वारा दर्ज शिकायत पर एक काउंटर मामला दर्ज किया है। आसिफ ने धर्मेंद्र, मोहितअग्रवाल , डीसी लाउंड के संचालक दिलीप और सैलून तथा बस्ती के अज्ञात लोगों के विरुद्ध हमला करने और धार्मिक उम्माद फैलाने के आरोप लगाये हैँ। साकची थाने में डीसी लाउंज के पक्षकार प्रदीप कुमार की शिकायत पर मुकदमा संख्या 162-25 तथा आसिफ की शिकायत पर 163 -25 दर्ज किया है। यह एफआईआर आज दर्ज किया गया। रामदास भट्टा विष्टुपुर में भी तोडफ़ोड़ के मामले में आज प्राथमिकी दर्ज किया।
इस तरह की सरेआम गुंडागर्दी और दबंगई पर पुलिस का रवैया लोगों की समझ से परे है।

 

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