बहुमुखी कला के धनी भागीरथी प्रधान रचित ‘शादी डॉटकॉम’ नाटक अमेजॉन किंडल पर हुआ प्रकाशित

(बीच मे भागीरथी प्रधान)

जमशेदपुर की बेमिसाल प्रतिभा

विश्व में प्रसिद्ध ‘लौहनगरी जमशेदपुर’ को सृष्टिकर्ता ने सतरंगी रूपों से सजाया है। इस माटी में सीने अभिनेता-अभिनेत्री, चित्रकार, गीतकार, गायक, लेखक, नाटककार, व्यंग्यकार, क्रिकेटर, फुटबॉलर आदि विभिन्न हुनर के कलाकारों को जन्म देने की असीम उर्वर क्षमता है। जमशेदपुर की अनेक प्रतिभायें देश विदेशों में सफलता का परचम लहरा रही हैं। ऐसे ही एक गोलमुरी निवासी युवा कलाकार भागीरथी प्रधान बहुमुखी प्रतिभा लेखक, नाटककार, अभिनेता व निर्देशक है। भागीरथी प्रधान द्वारा हास्य व्यंग्यात्मक नाटक ‘शादी करबू डॉटकॉम’ का रचना की गई है। यह नाटक ज्वलंत मुद्दा पर आधारित देसी भाषा और नई हिंदी से मिश्रित मॉडर्न प्ले है।

नाटक ‘शादी करबू डॉटकॉम’ अमेज़न किंडल में ई-बुक के रूप में उपलब्ध है। कोई भी पाठक अमेज़न किंडल एप से पढ सकते हैं। बहुत जल्द यह हास्य व्यंग्यात्मक नाटक पेपरबैक के रूप में भी आने वाला है। भागीरथी प्रधान झारखंड के युवा उभरता कलाकार है जो नाटक व फिल्मों में 2 दर्जन से अधिक किरदार कर चुके हैं। पिछले 10 साल से थिएटर एवं 7 साल से फिल्म मेकिंग से जुड़े है। भागीरथी प्रधान चक्रधरपुर के पास सानीपदमपुर गांव का मूल निवासी हैं। उन्होने बचपन में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर सिलफोड़ी से पढ़ाई की। फिर नवोदय विद्यालय चाईबासा में 12वीं तक पढ़ाई की जहां गुरु कृष्ण राम से अभिनय की बारीकियां सीखी। उसके बाद जमशेदपुर में शिवलाल सागर से अभिनय सीखा।

युवा लेखक भागीरथी प्रधान का कहना है कि आजकल तरह-तरह की घटनाएं घट रही हैं। वर्तमान समय में सोशल मीडिया के इर्द-गिर्द पूरी युवा पीढ़ी चक्र के समान घूम रही है। सफल होने के लिए नौजवान संघर्ष करने के बजाय शॉर्टकट रास्ता अपना रहे हैं। जीवन के उच्च स्तर के आदर्शों को छोड़ कर सकारात्मक ऊर्जा की जगह नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होकर सफलता के लिए लोभ, मोह, धूर्तता की योजनाएं बनाकर सबको ठगने का प्रयास करते हैं। इन बिंदुओं को मद्देनजर रखते हुए इस नाटक की रचना की गई है। हिंदी शिक्षिका और रचनाकार डॉ पूनम कुमारी को भागीरथी प्रधान ने कहानी सुनाई तो उन्होंने नाटक रचना करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने देशभक्ति नाटक ‘सम्मान’ व हास्य व्यंग्यात्मक नाटक ‘शादी कोरबू डॉटकॉम’ दो नाटक की रचना की है। उन्होंने फन्दी, नटसम्राट, मूर्तिकार, दीपदान, महाभारत की एक साँझ, तीन अपाहिज, अंधेर नगरी, नई सभ्यता नए नमूने, नील झील, बुड्ढा बच्चा आदि नाटक में अभिनय किया है हैं। भागीरथी प्रधान ने कई लघु फिल्म व फीचर फिल्मों में लेखक-अभिनेता- निर्देशक के रूप में काम कर चुके हैं। जिसमें फिल्म लॉक डाउन का तमाचा,आफ्टर सुसाइड, फितूर, एहसास, लंगड़ा रिलेशन,चोर चिंदी चोर, गलवान वीर, रक्तसूर स्वीकार आदि है। वे नव सृजन थिएटर के डायरेक्टर एवं एक्टिंग कोच है उनकी कई फिल्में ‘एसएस सीरीज’ नामक यूट्यूब चैनल में भी उपलब्ध है। साथ ही साथ टाटा स्टील अर्बन सर्विसेस के बैनर तले बेसिक एक्टिंग कोर्स तथा एडवांस एक्टिंग कोर्स के सेशन में एक्टिंग कोच के रूप में काम किया हैं। कई नाटकों में अभिनेता तथा निर्देशक के रूप में काम कर चुके हैं। भागीरथी प्रधान ने नेशनल एवं इंटरनेशनल कंपटीशन में कई अवार्ड जीता है। उन्हें कला गौरव गुरु तथा झारखंड युवा गुरु से भी सम्मानित किया जा चुका है। वे बॉलीवुड राइटिंग एसोसिएशन(SWA) का सदस्य हैं। भागीरथी प्रधान का कहना है बड़े पर्दे पर काम करने के लिए हर कलाकार को थिएटर करना बहुत आवश्यक है तथा कैमरा एक्टिंग सीखने के लिए लघु फिल्मों में भी काम करना चाहिए।

सरकारी प्रोत्साहन के अभाव में गुमनाम हो रहे हैं झारखंडी प्रतिभायें

रत्नगर्भा झारखंड विभिन्न कला के कलाकारों से परिपूर्ण है। लेकिन सरकारी प्रोत्साहन के अभाव में गुमनाम हो रहे हैं झारखंडी प्रतिभायें। झारखंड 22 साल के युवाकाल के दौर से गुजर रहे हैं। अब तक कलाकारों को मंच प्रदान करने हेतु फिल्म निर्माण व नाटक मंचन का उपयुक्त मंच नहीं है। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यालय में झारखंड फिल्म नीति लागू किया गया लेकिन वर्तमान सरकार ने इस नीति पर आशा अनुरूप कार्य करने में सफल साबित नहीं हुआ और फिल्म निर्माण का कार्य धराशायी होने लगा।

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