दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने VD सावरकर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को फटकार लगाई है। राहुल गांधी की टिप्पणी को ‘गैरजिम्मेदाराना’ बताया। सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए मानहानि मामले में राहुल गांधी को जारी समन को रद करने से इनकार करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से कहा, उन्होंने हमें आजादी दिलाई और आप उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं।न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कांग्रेस नेता को सावरकर के खिलाफ आगे कोई अपमानजनक टिप्पणी न करने की चेतावनी दी और कहा कि महाराष्ट्र में उनकी ‘पूजा’ की जाती है। कोर्ट ने आगे राकहा, इस तरह की टिप्पणी करना जारी रखते हैं तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।
क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ बयानों की इजाजत नहीं देंगे
इस बार सावरकर हैं अगली बार कोई कहेगा कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के नौकर थे
अगली बार ऐसी बयानबाजी की तो स्वत: संज्ञान लेंगे
4 अप्रैल को हाई कोर्ट में हुई थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी (SC On Rahul Gandhi In Savarkar Remark) को राहत तो दी इसके साथ ही फटकार भी लगाई है. अदालत ने राहुल की टिप्पणी को गैरजिम्मेदार बताया. राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए अदालत ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ बयानों की इजाजत नहीं दी जाएगी. इस बार सावरकर हैं अगली बार कोई कहेगा कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के नौकर थे. राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए अदालत ने कहा कि अगर उन्होंने अगली बार ऐसी बयानबाजी की तो वह स्वत:संज्ञा लेंगे.
SC ने राहुल गांधी को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सावरकर की पूजा की जाती है. वह हमारे स्वतंत्रता सेनानी के खिलाफ नहीं बोल सकते. राहुल को नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह ठीक से व्यवहार करें, नहीं तो मुसीबत में पड़ जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि इस तरह के बयान उन्होंने क्यों दिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को राहत देते हुए निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी.
‘इतिहास पता होता तो ऐसी टिप्पणी नहीं करते’
सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या राहुल गांधी को पता है कि महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों से संवाद में ‘आपका वफादार सेवक’ शब्द का इस्तेमाल किया था. जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कंग्रेस नेता से कहा कि आपको इतिहास पता होता तो स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करते. उन्होंने पूछा कि एक राजनीतिक पार्टी के नेता होते हुए आप इस तरह की टिप्पणी क्यों करते हैं. महाराष्ट्र में जाकर उन्होंने सावरकर के खलाफ बयान दिया, जबकि वहां पर उनकी पूजा होती है . उनको ऐसा नहीं करना चाहिए.
SC ने राहुल को याद दिलाईं दादी इंदिरा गांधी
जस्टिस दत्ता ने राहुल गांधी के वकील अभिषेक सिंघवी से कहा कि क्या आपके मुवक्किल को पता है कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने भी इस सज्जन ( सावरकर ) की प्रशंसा करते हुए एक पत्र भेजा था. अगर इतिहास पता होता तो वह स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करते.
मालूम हो कि इस मामले में चार अप्रैल को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से झटका लगा था। हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ समन आदेश रद्द करने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अदालत में लंबित सावरकर मानहानि मामले में राहुल गांधी को राहत देने से इनकार कर दिया था
क्या है पूरा मामला?
मानहानि का ये मामला 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के महाराष्ट्र में दिए गए विवादित बयान से जुड़ा है। जिसमें राहुल गांधी ने सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ बताया था। साथ ही कहा था कि सावरकर ‘अंग्रेजों से पेंशन लेते थे।
वकील नृपेंद्र पांडे ने इसको लेकर निकली अदालत के शिकायत दर्ज कराई थी। निचली अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ पहली नजर में आईपीसी 153(A) और 505 के तहत केस मानते हुए राहुल गांधी को समन जारी किया था।