मंत्री के साथ महिला व उनके पति को आमने-सामने बिठाकर हो पूछताछ, वायरल वीडियो मामले में सरयू का एसएसपी को पत्र

जमशेदपुर, 27 अप्रैल (रिपोर्टर) : विधायक सरयू राय ने एसएसपी प्रभात कुमार को गत 23 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और एक महिला के बीच अश्लील वार्तालाप के सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के संबंध में दायर की गई प्राथमिकी के संबंध में एक पत्र लिखा है. पत्र में 9 बिंदू उल्लेख है. सरयू ने कहा कि उन्हें जानकारी है कि उपर्युक्त विषयक प्राथमिकी को जमशेदपुर पुलिस ने न्यायालय में भेज दिया है. इस बारे में जांच के बिन्दु पुलिस द्वारा सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. चूंकि यह वीडियो राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से संबंधित है जो जमशेदपुर पश्चिम से विधायक हैं और इस आशय की प्राथमिकी भी उन्हीं के द्वारा भेजे गये पत्र के आधार पर दायर की गयी है. इसलिए आवश्यक कि है जांच के बिंदु स्पष्ट एवं व्यापक हों. सरयू ने बिंदूवार उठाये सवाल :

1. उक्त वीडियो देखने से स्पष्ट होता है कि मंत्री और एक महिला के बीच हो रहे वीडियो चैट की स्क्रीन रिकॉर्डिंग (21 सेेकेंड) की गयी है और उस रिकॉर्डिंग का एक अंश ही सोशल मीडिया में वायरल हुआ है. प्रथम दृष्टया इसमें कोई काट-छांट नहीं दिखती है.

2. मंत्री का बयान आया कि इस वीडियो क्लिप में कट-पेस्ट तथा मॉर्फिंग की संभावना जताई है. उक्त वीडियो क्लिप शुरू से अंत तक देखने से इसमें मॉर्फिंग की संभावना नहीं दिखती.

3. वीडियो क्लिप वायरल होने के दो दिन बाद एक महिला की वीडियो रिकॉर्डिंग मंत्री के कार्यालय से सोशल मीडिया में प्रसारित की गई, जिसमें वह महिला स्वीकार कर रही हैं कि इसमें उसकी तस्वीर है. उक्त महिला मंत्री के साथ हुए अश्लील वार्तालाप को अपने पति के साथ हुआ अश्लील वार्तालाप बता रही हैं और कह रही हैं कि उनके इस वार्तालाप की कट-पेस्ट हुई और इसमें मंत्री जी को जोड़ दिया गया है. परंतु महिला यह नहीं बता रही है कि वह कौन है, कहां रहती है, उनके पति कौन हैं, उन्होंने अपने पति के साथ यह वीडियो चैट कब किया, क्या उन्होंने अपने पति के साथ ऐसी चैटिंग अक्सर करती है, इस चैटिंग में वे यह नहीं बता रही हैं कि पति-पत्नी ने जिस मोबाईल फोन का इस्तेमाल उसका नंबंर क्या है? वह फोन कहां है? इसके बारे में इस महिला से पुलिस को पूछताछ करने की आवश्यकता है.

4. महिला की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर आए 2 दिन हो गये परंतु यह सूचना नहीं है कि पुलिस ने उस महिला की तलाश किया है या नहीं? यह पता किया जाना चाहिए कि वास्तव में क्या यह महिला वही है जिसका वीडियो वायरल हुआ था या कोई अन्य है. उक्त महिला और उसके पति का बयान लेना अत्यंत आवश्यक है.

5. मंत्री से पूछा जाना चाहिए कि अगर महिला की भूमिका कट-पेस्ट कर वीडियो क्लिप में जोड़ी गई है तो मंत्री किसके साथ वार्तालाप कर रहे हैं? और इस वार्तालाप में वे मोबाइल पोजिशिनिंग के बारे में आगे पीछे करने का निर्देश किसे दे रहे हैं? इस बारे में मंत्री से सबसे पहले पूछताछ की जानी चाहिए.

6. यदि मंत्री तथा संबंधित महिला और उसके पति के वक्तव्य में अंतर पाया जाता है तो उन तीनों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की जानी चाहिए.

7. मंत्री और संबंधित महिला का अश्लील वार्तालाप समाप्त होते ही फ्रेम में एक महिला की तस्वीर उभरती है जिसपर लिखा रहता है कि ‘स्क्रीन रिकॉर्डिंग इस रनिंग इन द बैकग्राउंड.’ उक्त महिला के गले के ऊपरी हिस्से में एक मस्सा दिखाई पड़ता है परंतु दो दिन पूर्व जिस महिला का वीडियो रिकॉर्डिंग मंत्री के कार्यालय से प्रसारित किया गया है उसकी गर्दन पर मस्सा नहीं है. सवाल उठता है कि क्या मंत्री के साथ अश्लील वार्ता में भाग ले रही महिला और दो दिन पहले रिकॉर्डिंग वीडियो प्रस्तुत करनेवाली महिला एक ही हैं या अलग अलग.

8. बेहतर होगा कि इस कांड का स्वत: संज्ञान लेकर पुलिस अपना एक अलग एफआईआर दर्ज करे और उसमें मंत्री सहित उनके साथ अश्लील वार्तालाप कर रही महिला को भी अभियुक्त बनाये.

9. आशंका है कि इस कांड के अनुसंधान में जमशेदपुर पुलिस को मंत्री के प्रभाव से स्वयं को मुक्त रख पाना संभव नहीं होगा. इसलिए सुझाव दिया कि इस कांड के अनुसंधानकर्ता अधिकारी अपने स्तर से तो अनुसंधान करें, परंतु इसका पर्यवेक्षण जिला पुलिस के अधिकारियों से कराने के बदले राज्य सरकार के कम से कम आईजी स्तर के पदाधिकारी से कराना उपयुक्त होगा.

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