रांचीः झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को आखिरकार अजरबैजान से भारत ले आया गया. पिछले एक साल से मयंक अजरबैजान के बाकू जेल में बन्द था. मयंक को भारत लाने में झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता का सबसे अहम रोल तो था ही लेकिन आईपीएस ऋषभ झा मयंक को भारत लाने की धुरी बने.उसे आज रामगढ़ कोर्ट में पेश किया जायेगा.
एटीएस एसपी ऋषभ झा की मेहनत ही है जो आज झारखंड पुलिस ने पहली बार एक अपराधी का प्रत्यर्पण करवाने में सफलता पाई. मयंक को लेकर आईपीएस ऋषभ झा रांची एयरपोर्ट पहुंचे.
झारखंड पुलिस को बड़ी कामयाबी
झारखंड पुलिस ने अपने मोस्ट वांटेड क्रिमिनल मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अजरबैजान से प्रत्यर्पण कर भारत लाने की हर कठिनाई को पार करते हुए उसे शनिवार को रांची ले आई. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया की झारखंड सरकार, डीजीपी झारखंड और केंद्रीय एजेंसियो की सहायता से झारखंड पुलिस ने यह कामयाबी पाई है.
झारखंड एटीएस के द्वारा केंद्रीय एजेंसियों और इंटरपोल के माध्यम से पुख्ता दस्तावेजों और सबूत के आधार पर अजरबैजान की बाकू की उच्च अदालत ने मयंक सिंह को कुख्यात अपराधी स्वीकार करते हुए उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी. इससे पहले झारखंड एटीएस को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी थी जब बाकू की निचली अदालत के द्वारा मयंक सिंह के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दी गई थी. अजरबैजान के कानून के अनुसार मयंक सिंह को ऊपरी अदालत में अपील करने का मौका भी दिया गया था लेकिन उच्च अदालत ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था.
अजरबैजान से है भारत का प्रत्यर्पण संधि
बता दें कि अजरबैजान देश के साथ भारत का प्रत्यर्पण संधि पूर्व से है. जिसका फायदा मयंक सिंह के केस में मिला है. एटीएस एसपी ने बताया की विदेश में बैठ कर झारखंड में आतंक मचा रहे अपराधियों के खिलाफ यह बड़ी सफलता है. ऐसे हर अपराधी को भारत लाकर उन्हें अदालत से सजा दिलवाई जाएगी.
खुलेगा अमन साव का राज
एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि मयंक को भारत लाने से न सिर्फ झारखंड पुलिस बल्कि राज्य के कई अन्य पुलिस को भी काफी फायदा मिलेगा. गैंगस्टर अमन साव (अब मृत) के फाइनेंशियल नेटवर्क के साथ-साथ पूरे हथियार नेटवर्क को मयंक ही संभालता था. मयंक से पूछताछ के बाद जो कार्रवाई होगी उसमें अमन साव के हथियार और फाइनेंशियल नेटवर्क दोनों को ध्वस्त करने में सहायता मिलेगी.
झारखंड के पहला क्रिमिनल जिसका हुआ प्रत्यर्पण
कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साव और इंटरनेशनल गैंगस्टर्स बन चुके लारेंस के बेहद खास मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा झारखंड का ऐसा पहला अपराधी है जिसकी गिरफ्तारी विदेश से हुई और अब उसे बाकू से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया है. राजस्थान का रहने वाला मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा बेहद कुख्यात अपराधी है. अत्याधुनिक हथियारों और अपनी ऐशो आराम वाली जिंदगी की तस्वीरें सोशल मीडिया में डालकर मयंक अक्सर सुर्खियों में रहता था. झारखंड पुलिस के अथक प्रयास के बाद मयंक सिंह को अजरबैजान देश की राजधानी बाकू से पिछले साल गिरफ्तार किया गया था.
रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था मयंक के खिलाफ
पिछले पांच साल तक झारखंड पुलिस को यही पता नहीं था कि मयंक सिंह कौन है. एटीएस की टीम ने अथक प्रयास के बाद यह पता लगाया कि मयंक सिंह असल में सुनील मीणा है जो राजस्थान का रहने वाला है और विदेश में रहकर झारखंड में आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहा है. जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया और वह रेड कॉर्नर नोटिस के कारण ही अजरबैजान में पकड़ा गया था.
गैंगस्टर लॉरेंस के बचपन का दोस्त है मयंक सिंह
मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा अपराध की दुनिया का एक जाना माना नाम है. कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के बचपन के दोस्त मयंक सिंह का पूरा नाम सुनील सिंह मीणा है. अपराध की दुनिया में लॉरेंस और मयंक ने एक साथ कदम रखा था. अपराध के कई मामलों में मयंक जेल भी जा चुका है. लेकिन पिछले 2 साल वह मलेशिया में बैठकर लारेंस के कहने पर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साव के साथ काम कर रहा था. अमन और लॉरेंस के बीच की अहम कड़ी मयंक सिंह ही था. इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारी को धमकी देना मयंक सिंह का प्रमुख काम था. मयंक सिंह सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव था और मलेशिया में बैठकर सोशल मीडिया के जरिए अपने गैंग को लेकर खुलकर अपने विचार भी रखता था.
डेढ़ साल पूर्व ही मयंक की हुई पहचान
पिछले साल तक झारखंड पुलिस के लिए मयंक सिंह एक अबूझ पहेली बना हुआ था. एटीएस के जांच में यह बात सामने आई की इंटरनेट कॉल के जरिये झारखंड के कारोबारियों को दहशत में डालने वाला मयंक सिंह असल मे सुनील कुमार मीणा है. सुनील कुमार मीणा मयंक सिंह के छद्म नाम का प्रयोग कर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साहू के लिए काम करता था. झारखंड में शायद ही कोई ऐसा कारोबारी हो जिसे मयंक के द्वारा इंरनेट कॉल पर धमकी न दी गई हो. मयंक उर्फ सुनील मीणा के खिलाफ एटीएस थाना सहित झारखंड के एक दर्जन थानों में दर्जनों मामले दर्ज है.
पहचान के बाद कार्रवाई हुई थी शुरू
मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा के बारे में फूल फ्रूफ जानकारी मिलने के बाद झारखंड एटीएस की एक टीम राजस्थान के अनूपगढ़ जिला के नई मंडी थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़साना स्थित मीणा के घर डुगडुगी बजा कर इस्तेहार भी चस्पा किया था. एटीएस ने नई मंडी थाना की मदद से सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह के कई चल-अचल सम्पतियों का भी पता लगाया है. खौफ की कमाई के जरिये सुनील मीणा ने नया घर बनवाया है, साथ ही महंगी गाड़िया भी खरीदी है. एटीएस ने मयंक उर्फ सुनील मीणा के खिलाफ राजस्थान में कुर्की जब्ती भी की है.
पासपोर्ट ब्लॉक, रेड कॉर्नर नोटिस जारी
जैसे ही मयंक की पहचान हुई फौरन उसे खिलाफ आगे की कार्रवाई झारखंड एटीएस के द्वारा शुरू कर दी गई. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने पूर्व में बताया था की झारखंड पुलिस के लिखित आग्रह पर सुनील मीणा का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया था. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिया गया था.
कहा कितने केस दर्ज
झारखंड पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार मयंक सिंह के खिलाफ झारखंड के विभिन्न स्थानों में कुल 48 मामले दर्ज हैं. सबसे ज्यादा मामले मयंक के खिलाफ हजारीबाग जिला में दर्ज हैं. हजारीबाग के बड़कागांव, केरेडारी, कोर्रा, हजारीबाग सदर जैसे थानों में मयंक के खिलाफ दर्जन भर केस दर्ज है. इसके अलावा रांची, रामगढ़, पलामू और गिरिडीह में भी मयंक सिंह के खिलाफ मामले दर्ज हैं. एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार मयंक सिंह के ऊपर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और राजस्थान में भी मामले दर्ज हैं. राजस्थान और छत्तीसगढ़ पुलिस भी मयंक सिंह से पूछताछ करेगी.