नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को असम, मणिपुर और मिजोरम के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान वह विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. पहले चरण में पीएम मोदी मिजोरम पहुंचे, जहां उन्होंने रेल लाइन का उद्घाटन किया है. इसके साथ-साथ पीएम ने मिजोरम की राजधानी आईजोल में करीब 9 हजार से ज्यादा की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया.
ताजा जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी कुछ देर पहले ही मणिपुर पहुंचे हैं. इस समय वे एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया. इन परियोजनाओं में 3,600 करोड़ रुपये से अधिक की मणिपुर शहरी सड़कें, जल निकासी और परिसंपत्ति प्रबंधन सुधार परियोजना; 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं, मणिपुर इन्फोटेक विकास (MIND) परियोजना, 9 स्थानों पर कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मणिपुर की धरती साहस और वीरता की धरती है. मैं मणिपुर के लोगों के जज्बे को सलाम करना चाहता हूं. आप सभी भारी बारिश के बावजूद यहां आए, मैं आपके प्यार के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. भारी बारिश के कारण मेरा हेलीकॉप्टर नहीं आ सका, इसलिए मैंने सड़क मार्ग से आने का फैसला किया. मैंने सड़क पर जो दृश्य देखे, उसके लिए मैं ईश्वर का धन्यवाद करता हूं कि आज मेरा हेलीकॉप्टर काम नहीं कर रहा था. जिस तरह से मैंने मणिपुर के युवाओं और बुजुर्गों को हाथों में तिरंगा लिए देखा, मैं इस पल को अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकता.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मणिपुर के नाम में ही ‘मणि’ है. ये वो ‘मणि’ है जो भविष्य में पूरे पूर्वोत्तर को जगमगाने वाला है. भारत सरकार मणिपुर को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए प्रयासरत है. कुछ देर पहले ही यहां लगभग 7,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर एक सीमावर्ती राज्य है और यहां कनेक्टिविटी हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है. अच्छी सड़कों की कमी के कारण आपको जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, मैं उन्हें अच्छी तरह समझता हूं. इसीलिए, 2014 से, मैंने मणिपुर की कनेक्टिविटी को लगातार बेहतर बनाने पर ज़ोर दिया है और इसके लिए भारत सरकार ने दो स्तरों पर काम किया है. पहला, हमने मणिपुर में सड़क और रेलवे के बजट में वृद्धि की. दूसरा, हमने गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रयास किए. पिछले कुछ वर्षों में, मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 3,700 करोड़ रुपये खर्च किए गए. नए राजमार्गों के निर्माण पर 8,700 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में, मणिपुर में रेल संपर्क का विस्तार हो रहा है. जिरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन जल्द ही राजधानी इंफाल को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी. इस पर 22,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. 400 करोड़ रुपये की लागत से बना नया इंफाल हवाई अड्डा हवाई संपर्क को नई ऊंचाइयां प्रदान कर रहा है.
बता दें, मणिपुर में 2023 में भड़की हिंसा के बाद पीएम मोदी का 862 दिनों बाद यह पहला दौरा है. विपक्ष लगातार पीएम मोदी पर इसी बात को लेकर हमला बोल रहा था कि वे मणिपुर क्यों नहीं जा रहे हैं.
इससे पहले मिजोरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8,070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन किया, जो मिजोरम की राजधानी को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी. चुनौतीपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र में निर्मित इस रेल लाइन परियोजना में जटिल भौगोलिक परिस्थितियों में 45 सुरंगें बनाई गई हैं. इसके अतिरिक्त, इसमें 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल भी शामिल हैं. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं यहां मिजोरम के लेंगपुई हवाई अड्डे पर हूं. दुर्भाग्य से, खराब मौसम के कारण, मुझे खेद है कि मैं आइजोल में आपके साथ शामिल नहीं हो पा रहा हूं, लेकिन मैं इस माध्यम से भी आपके प्यार और स्नेह को महसूस कर सकता हूं.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि लंबे समय से हमारे देश में कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति करते रहे हैं. उनका ध्यान हमेशा उन जगहों पर रहा जहाँ ज़्यादा वोट और सीटें थीं. मिजोरम जैसे राज्यों सहित पूरे पूर्वोत्तर को इस रवैये से बहुत नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन हमारा दृष्टिकोण बहुत अलग है, जो पहले उपेक्षित थे, वे अब सबसे आगे हैं. जो कभी हाशिए पर थे, वे अब मुख्यधारा में हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ एक रेल संपर्क नहीं है, बल्कि यह बदलाव की जीवनरेखा है. यह मिजोरम के लोगों के जीवन और आजीविका में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. मिजोरम के किसान और व्यवसाय देश भर के ज्यादा बाजोरों तक पहुंच सकेंगे. लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के ज्यादा विकल्प उपलब्ध होंगे. इससे पर्यटन, परिवहन और आतिथ्य क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
इससे पहले मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि आज हमारे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. बैराबी-सैरांग रेलवे और सैरांग रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री का मिजोरम में स्वागत करते हुए हमें अत्यंत गौरव का अनुभव हो रहा है. यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जो कनेक्टिविटी और प्रगति की हमारी यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगी. आज यहां प्रधानमंत्री की उपस्थिति पूर्वोत्तर के विकास और एक समावेशी, परस्पर जुड़े भारत के विजन के प्रति आपकी अटूट प्रतिबद्धता का एक सशक्त प्रतीक है. यह रेलवे लाइन सिर्फ़ एक इंजीनियरिंग उपलब्धि नहीं है. यह समावेशिता, राष्ट्रीय एकीकरण और हमारे लोगों की साझा आकांक्षाओं का प्रतीक है. यह मिजोरम को शेष भारत के और भारत को मिज़ोरम के और करीब लाती है.
पीएम मोदी के दौरे को लेकर अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री सबसे पहले मिजोरम की राजधानी में 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिससे आइजोल पूर्वोत्तर में गुवाहाटी, अगरतला और ईटानगर के बाद रेल से जुड़ने वाला चौथा राजधानी शहर बन जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी कुछ केंद्रीय मंत्रियों के साथ आइजोल को दिल्ली, गुवाहाटी और कोलकाता से जोड़ने वाली तीन जोड़ी नई ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाएंगे. वे जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे. ये तीन ट्रेनें हैं: सैरांग-आनंद विहार (दिल्ली) राजधानी एक्सप्रेस (साप्ताहिक), कोलकाता-सैरांग-कोलकाता एक्सप्रेस (त्रि-साप्ताहिक) और गुवाहाटी-सैरांग-गुवाहाटी एक्सप्रेस (दैनिक). वह चुराचांदपुर और इंफाल में जनसभाओं को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी इन दोनों जगहों पर 8,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का अनावरण करेंगे. वह चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड से 7,300 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जहां कुकी-जो जनजातियां बहुसंख्यक हैं.
प्रधानमंत्री इंफाल के ऐतिहासिक कंगला किले में आयोजित एक सार्वजनिक बैठक से 1,200 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे. अधिकारियों के अनुसार, चुराचंदपुर और इम्फाल दोनों में, प्रधानमंत्री स्थानीय विधायकों, नेताओं और नागरिक समाज संगठनों से मुलाकात कर सकते हैं. प्रधानमंत्री की मणिपुर यात्रा से पहले, स्पीयर कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत एस. पेंढारकर ने मणिपुर में सुरक्षा परिदृश्य की व्यापक समीक्षा के तहत चुराचंदपुर और अन्य जिलों का व्यापक दौरा किया.
वहीं, मणिपुर के मुख्य सचिव ने पीएम मोदी के दौरे पर कहा कि वे पहले चुराचांदपुर जाएंगे और वहां वे कुछ आंतरिक रूप विस्थापितों से भी मुलाकात करेंगे. इससे पहले कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी के दौरे पर कहा कि मणिपुर काफी समय से संकट में है और अब जा रहे हैं. यह कोई बड़ी बात नहीं हैं. आज के समय में सबसे बड़ा मुद्दा सिर्फ और सिर्फ वोट चोरी का है. उन्होंने वोट चोरी की है. जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी इसके बाद बिहार और पश्चिम बंगाल का भी दौरा करेंगे.
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि शीर्ष सैन्य अधिकारी ने भारत-म्यांमार सीमा पर अग्रिम इलाकों समेत विभिन्न जिलों में सुरक्षा स्थिति और विभिन्न जिलों में बलों की तैयारियों की समीक्षा की. मीतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच लंबे समय तक चली जातीय हिंसा के बाद, एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके चार दिन बाद यानि 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा भंग कर दिया गया. इसका कार्यकाल 2027 तक है.
मणिपुर के बाद प्रधानमंत्री दो दिवसीय दौरे पर गुवाहाटी जाएंगे. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले कहा था कि प्रधानमंत्री 13 से 14 सितंबर तक असम के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे. पीएम मोदी का यह दौरा सांस्कृतिक प्रतीक और भारत रत्न भूपेन हजारिका के जन्म शताब्दी समारोह पर केंद्रित है और वह 13 सितंबर को गुवाहाटी में आधिकारिक समारोह का उद्घाटन भी करेंगे. रविवार (14 सितंबर) को पीएम असम के विभिन्न स्थानों पर 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का अनावरण करेंगे.
दरांग जिले में, प्रधानमंत्री मोदी दरांग मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ एक नर्सिंग और एक जीएनएम स्कूल की आधारशिला रखेंगे. इन स्वास्थ्य परियोजनाओं के लिए कुल मिलाकर 567 करोड़ रुपये का निवेश होगा. वह नारेंगी-कुरुवा पुल और गुवाहाटी रिंग रोड परियोजना की भी आधारशिला रखेंगे, जो असम के कामरूप और दरांग जिलों को और मेघालय के री भोई को जोड़ेगी, जिस पर अनुमानित 7,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. गुवाहाटी में अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री बाद में गोलाघाट जिले में नुमालीगढ़ रिफाइनरी के लिए रवाना होंगे, जहां वह 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से नवनिर्मित बांस-आधारित इथेनॉल संयंत्र का उद्घाटन करेंगे और 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की पेट्रो फ्लुइडाइज्ड कैटेलिटिक क्रैकर इकाई की आधारशिला भी रखेंगे.