मानगो,बागबेड़ा, शास्त्रीनगर में हालात बिगड़े
जमशेदपुर 26 जुलाई संवाददाता जमशेदपुर के साथ साथ ओडि़सा में लगातार हो रही बारिश के कारण हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। ओडि़सा की बारिश की वजह से खास तौर पर खरकई नदी उफान पर हैऔरखतरे के निशान के सात मीटर ऊपर तक बगने लगी। इससे शहर के कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है और बागबेड़ा, जुगसलाई, शास्त्रीनगर जैसे इलाकों में एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुट गई हैं। शहर में करीह दो हजार मकान डूब गए हैं। खरकई के जल स्तर में बढोतरी का असर स्वर्णरेखा नदी पर भी पड़ा है और यह भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। प्रशासन अलर्ट मोड में है और जिले के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी खुद बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे
हैं। आम तौर पर डैम खुलने पर पहले से जनता को आगाह कर दिया जाता था। मगर, इस बार बिना जानकारी दिए ही डैम खोल दिए गए हैं। इस वजह से लोगों को नदी का जल स्तर बढऩे की जानकारी नहीं हो पाई है। बागबेड़ा नया बस्ती में सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। एनडीआरएफ की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। बड़ौदा घाट की ओर जाने वाला मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो चुका है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। बागबेड़ा में क्षेत्र में पुल-पुलिया डूब चुके हैं और सडक़ों पर पानी बह रहा है। मानगो में बाढ़ का पानी घुसने से से चेपा पुल जाने वाली ओल्ड पुरुलिया रोड पर आवागमन बाधित हो गया है। यहां कुँअर बस्ती के पास पानी भरने से आवागमन बाधित हो गया।
बागबेड़ा के रेलवे कॉलोनी, रिवर व्यू कॉलोनी, प्रधान टोला, बाजार टोला, ऐदल झोपड़ी, सीपी टोला, हरहरगुट्टू, गणेश नगर, शिवनगर और नया बस्ती रोड नंबर 1, 2 और 3 में पानी भर चुका है। जुगसलाई की गरीब नवाज कॉलोनी, बाबा कुटी, तेज पत्ती, शिव घाट और हरिया भट्टी इलाका भी डूब चुका है।
बागबेड़ा के नया बस्ती इलाके में एनडीआरएफ ने कई परिवारों को बाढ़ से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इस अभियान में अंचल अधिकारी मनोज कुमार और भाजपा नेता सुबोध झा सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। बताया गया कि जब पानी तेजी से बढ़ा, तो कई लोग अपने मकानों की ऊपरी मंजिलों पर चले गए, जिन्हें सुरक्षित निकालने का कार्य किया जा रहा है।
नगर निकायों को निर्देश
जिले के उपायुक्त ने मानगो नगर निगम, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति और जुगसलाई नगर परिषद को हाई अलर्ट पर रखा है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि नदी किनारे की बस्तियों में जाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रेरित करें।
खरकई खतरे के निशान से 5.90 मीटर, स्वर्णरेखा 1.86 मीटर ऊपर
स्वर्णरेखा नदी खतरे के निशान 121.50 मीटर से ऊपर 123.36 मीटर पर बह रही है। वहीं, खरकई नदी 129 मीटर के खतरे के निशान से करीब 5.90 मीटर ऊपर 134.90 मीटर तक पहुंच चुकी है। इससे आसपास के इलाके तेजी से जलमग्न हो रहे हैं और हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।
मानगो में भी कई इलाके जलमग्न
मानगो में भी कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। शंकोसाई इलाके में भी पानी घुस गया है। इलाके के लोगों का कहना है कि पहले जब भी डैम खोला जाता था तो लोगों को सतर्क कर दिया जाता था। मगर, इस बार ऐसा नहीं हुआ है। इस वजह से लोग समझ नहीं पाए और नदी में अचानक पानी बढ़ गया। शंकोसाई के रहने वाले गोवर्धन महतो का कहना है कि सुबह नौ बजे से अचानक नदी का पानी बढऩे लगा था। बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुसने लगा तब लोग समझ पाए कि हालात नाजुक होते जा रहे हैं। गोवर्धन ने बताया कि उनका घर पानी में
डूब गया है। वह बाजार से तिरपाल खरीद कर आए हैं। इसी तिरपाल को छत पर लगा देंगे ताकि पूरा परिवार बारिश से बच सके। परिवार के लोगों ने छत पर ही पनाह ली है। उन्होंने बताया कि शंकोसाई में मानगो नगर निगम का कोई भी अधिकारी झांकने तक नहीं आया।