जमशेदपुर मेरे लिए खास, वनडे से हुई थी सफर की शुरुआत: किरमानी,,,कहा उनके जमाने व आज के युग के क्रिकेट में जमीन-आसमान का अंतर

जमशेदपुर, 18 दिसम्बर (रिपोर्टर): भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर व 1983 विश्व कप विजेता टीम के खिलाड़ी क्रिकेटर सैयद किरमानी ने कहा कि जमशेदपुर उनके लिए हमेशा साख रहा है और आगे भी रहेगा क्योंकि उन्होंने अपने वनडे करियर की शुरुआत जमशेदपुर से की थी. उन्होंने क्रिकेट में आए बदलाव पर कहा कि सभी लोगों को अपने समय के अनुसार मजा लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके जमाने के क्रिकेट व आज के युग के क्रिकेट में काफी अंतर है. जब 1983 में विश्व कप में जीत मिली थी उस समय सरकार से कोई खास प्रोत्साहन नहीं मिलता था. टीम के लिए न तो कोच, न डाक्टर, न टेक्किनल टीम जैसी सुविधाएं थी जबकि आज सबकुछ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हम अपने जमान से खुश हैं और आज के लोग अपने जमान से खुश रहें.
गुरुवार को कीनन स्टेडियम में आयोजित पंकज मेमोरियल ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन समारोह में भाग लेने पहुंचे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सैयद किरमानी ने मीडिया से बात करते हुए अपने क्रिकेट करियर की यादें ताजा की. उन्होंने 1983 के ऐतिहासिक विश्व कप की सफलता पर बात की और वर्षों में क्रिकेट में आए बड़े बदलावों पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि उनके समय के क्रिकेट व आज के क्रिकेट में जमीन-आसमान का अंतर है. आज खिलाडिय़ों को बेहतरीन सुविधाएं, कोच व आधुनिक संसाधन मिलते हैं, जबकि उनके समय में ऐसा कुछ नहीं था. उन्होंने 1983 के विश्वकप में कप्तान कपिल देव के साथ बेहतरीन पाली खेलने की यादें साझा करते हुए कि जब उनकी टीम के एक खिलाड़ी बांकी बचे थे तो उन्होंने मैदान में कपिल देव से यही कहा था कि एक गेंद वे खेलेंगे और पांच गेंद का आप सही उपयोग करें. उन्होंने कहा कि जब विश्व कप विजेता वेस्टइंस्टीज को लीग मैच में उनकी टीम ने हराया उसके बाद टीम का मनोबल बढ़ा और बेहतर प्रदर्शन करते चले गए. उन्होंने कहा उनकी दौर के खिलाड़ी अपनी प्राकृतिक प्रतिभा व आत्मविश्वास के दम पर आगे बढ़े.
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प्रतिभा भगवान का दिया उपहचार
पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर सैयद किरमानी ने कहा कि प्रतिभा भगवान का उपहार होती है. 88 टेस्ट मैच खेलना कोई आम बात नहीं है, यह कुदरती प्रतिभा होती है.
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1983 का विश्व कप पूरी तरह अप्रत्याशित था
किरमानी ने स्वीकार किया कि 1983 में भारतीय टीम से किसी को विश्व कप जीतने की उम्मीद नहीं थी. भारतीय टीम चौथी सबसे कमजोर टीम माना जा रहा था. हम खुद नहीं जानते थे कि कहां तक पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड रवाना होते समय खिलाड़ी मजाक में इसे घूमने या छुट्टियों जैसा मान रहे थे.
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वेस्टइंडीज पर जीत बनी टर्निंग पॉइंट
किरमानी ने कहा कि विश्व कप का सबसे अहम मोड़ पहला मैच था।
हमने पहले ही मैच में मौजूदा विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को हराया। इससे पूरे टीम का आत्मविश्वास बढ़ गया. उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबले को उन्होंने अविस्मरणीय बताया. 17 रन पर 5 विकेट गिर चुके थे. वह मैच अगर हार जाते तो विश्व कप का सपना वहीं खत्म हो जाता.
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कपिल देव की 175 रन की पारी
किरमानी ने कपिल देव के साथ अपनी साझेदारी को विश्व कप का सबसे निर्णायक पल बताया. उन्होंने कहा कि कपिल ने 175 रन बनाए और उन्होंने नाबाद 26 रन बनाए थे. उन्होंने गर्व से कहा कि वह यह ऐतिहासिक पारी नॉन-स्ट्राइकर एंड से बेहद करीब से देख रहे थे. उन्होंने कहा कि फाइनल में टीम ने मानसिक मजबूती दिखाई।
हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं था. उन्होंने कहा कि कपिल देव के नेतृत्व में सभी खिलाडय़िों ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.
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आईपीएल में रोमांच, पैसे की दौड़ भी
उन्होंने आईपीएल मैच के बारेे में कहा कि इससे क्रिकेट में रोमांच बढ़ा है, लोग पैसे के पीछे भाग रहे हैं. आज बच्चे करोड़ों में खरीदे जा रहे हैं. माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की रुचि को समझें. हालांक उन्होंने किसी तरह की टिप्पणी से इंकारा करते हुए कहा कि क्रिकेट का आनंद लें. जब उनके जमाने का क्रिकेट था वे उस समय खुश थे आज लोग अपने जमाने के अनुसार खुश हैं. उन्होंने कहा कि उनके साथ ेवे भी खुशा हैं.

सैयद किरमानी कीनन स्टेडियम में आयोजित पंकज मेमोरियल ट्राफी के पुरस्कार वितरण समारोह में भाग लेने आये थे। प्रतियोगिता के आयोजन अविनाश कुमार, रजनीश कुमार एवं उनके परिवार के सदस्य भी इस मौके पर मौजूद थे।

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