चेन्नई की एक निजी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर ने ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाते हुए भारतीय सेना की आलोचना की। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने तत्काल प्रभाव से प्रोफेसर को निलंबित कर दिया। यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि प्रोफेसर अनैतिक गतिविधियों में शामिल थीं। एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में करियर सेंटर से जुड़ी प्रोफेसर एस लोरा ने भारतीय कार्रवाई को लेकर पाकिस्तानी प्रोपोगेंडा फैलाने का आरोप है।
लोरा ने अपने सोशल मीडिया पर स्टेटस लगाकर लिखा, “भारत ने बुधवार की सुबह पाकिस्तान में एक बच्चे को मार डाला और दो लोगों को घायल कर दिया। अपने खून की प्यास और अपने चुनावी स्टंट के लिए निर्दोष लोगों की जान लेना बहादुरी नहीं है और यह न्याय नहीं है। यह कायरतापूर्ण काम है।”
लोरा यही नहीं रुकी उन्होंने इस घटना के बाद लॉकडाउन जैसे हालात और खाद्यान्न की कमी जैसी अनिश्चितताओं के बारे में भी चेतावनी दी।”
कुछ ही देर में लोरा के द्वारा लगाए गए इस स्टेटस की जानकारी यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास पहुंच गई। फिर कुछ ही देर में एक बयान जारी कर लोरा को निलंबित कर दिया गया। बयान में कहा गया, ” चूंकि लोरा अनैतिक गतिविधियों में शामिल रही हैं, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है, उनके ऊपर जांच भी बैठाई जाती है।”
यूनिवर्सिटी ने फिलहाल तो उनकी प्रोफाइल हटा दी है लेकिन पहले उनके पेज पर लिखा गया था कि वह आयरिश पौराणिक कथाओं में डॉक्टरेट कर रही हैं। उन्हें 2016 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और 2017 में इंदिरा गांधी उत्कृष्टता पुरस्कार भी मिला था।
इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी के तमिलनाडु इकाई के राज्य सचिव ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एस लोरा को किसी भी और संस्थान में कोई काम न मिले। यदि कोई ऐसा करता है तो उन्हें भारत विरोधी मानसिकता के लिए सार्वजनिक रूप से परेशान और शर्मिंदा किया जाना चाहिए।