‘अगर राहुल गांधी के पास एटम बम है तो फोड़ें’, चुनाव आयोग पर आरोपों के खिलाफ राजनाथ सिंह का तंज

 

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधने के लिए शनिवार (2 अगस्त, 2025) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की. दरअसल, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि निर्वाचन आयोग बिहार में वोट चोरी में शामिल है और इस बारे में उनके पास ऐसा पुख्ता सबूत है, जो एटम बम की तरह है, जिसके फटने पर आयोग को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी.

पटना में एक मीडिया संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों की तुलना एक चौराहे से की, जिसमें ‘एक रास्ता (NDA के तहत) आगे की प्रगति की ओर ले जाता है और दूसरा (इंडिया गठबंधन के तहत) बिहार को अराजकता और जाति संघर्ष के पुराने दौर में वापस ले जाता है.

राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी पर किया कटाक्ष

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा, “राहुल गांधी कहते हैं कि उनके पास एटम बम है. अगर ऐसा है, तो उन्हें तुरंत उसे फोड़ देना चाहिए. उन्हें बस यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह खुद खतरे से दूर रहें.”

उन्होंने कहा, “देश को राहुल गांधी के पिछले बयान याद हैं. उन्होंने (राहुल) संसद में भूकंप आने की धमकी दी थी, लेकिन जब उन्होंने अपनी बात रखी, तो वह एक बेकार बात साबित हुई और अब वे निर्वाचन आयोग पर आरोप लगा रहे हैं जो भारत की एक ऐसी संस्था है, जो निर्विवाद अपनी ईमानदारी के लिए सम्मानित है.”

सिंह ने कहा, “राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. विपक्ष के नेता को किसी संवैधानिक संस्था के बारे में निम्न स्तर की बयानबाजी करना शोभा नहीं देता है.”

1975 में कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की थी- रक्षा मंत्री

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नेता को याद दिलाया कि उनकी अपनी पार्टी के हाथ खून से रंगे हैं, जिन्होंने साल 1975 में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बिहार में 20 साल के शासन के दौरान राज्य को पटरी पर लाने में मदद करने के लिए गठबंधन (NDA) सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी प्रशंसा की.

उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अब बदहाल नहीं रहा. ‘द इकोनॉमिस्ट’ जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पत्रिका, जिसने कभी इस राज्य को भारत का पिछलग्गू बताया था, अब इसके बदलाव का जिक्र कर रही है.”

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