चांडिल। कुछ दिन बंद रहने के बाद सरायकेला – खरसावां जिले के ईचागढ़ व तिरुलडीह थाना क्षेत्र में बालू का अवैध खनन व परिवहन पुनः शुरू हो गया है। इस बार नए सिंडिकेट के माध्यम से अवैध बालू खनन व परिवहन शुरू किया गया है। इस बार अवैध बालू खनन व परिवहन करने वालों के लिए नए दर तय किए गए हैं जो स्थानीय से लेकर जिले के आला अधिकारियों तक नजराना देना होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के एक आला अधिकारी को प्रति माह 50 हजार रुपये देने की सहमति बनी है। वहीं, स्थानीय अधिकारी को अब प्रत्येक बालू ट्रिप (हाइवा) में ढाई हजार रुपये देने होंगे। साथ ही तिरुलडीह क्षेत्र की स्थानीय मैडम (जनप्रतिनिधि) को प्रति माह 60 हजार रुपये अदा करने पर सहमति बनी है। वहीं, अब से बड़े मैडम (जनप्रतिनिधि) को भी प्रति हाइवा मात्र 500 रुपये देने का फरमान जारी किया गया है। इसके अलावा तथाकथित स्थानीय पत्रकारों को भी नए दर के साथ नजराना दिया जाएगा। हालांकि, तथाकथित पत्रकारों के लिए मंथली भुगतान करने पर भी छूट दी गई हैं। वे बिना मंथली देकर भी अपने वाहनों से अवैध बालू परिवहन कर सकते हैं। अब सरायकेला खरसावां के नए उपायुक्त के लिए अवैध बालू खनन व परिवहन पर रोक लगाना बड़ी चुनौती होगी। इससे पूर्व स्थानीय लोगों के विरोध के कारण कुछ दिनों तक अवैध बालू खनन व परिवहन बंद थी।
हालांकि, उपायुक्त के निर्देश पर खनन विभाग ने अवैध बालू कारोबार के खिलाफ छापेमारी की है, जिसमें तीन बालू लदे ट्रैक्टर को पकड़ा गया है। जिला खनन निरीक्षक समीर ओझा ने बताया कि उपायुक्त के निर्देश पर अवैध बालू खनन, परिवहन व भंडारण के विरुद्ध छापेमारी की गई। इस दौरान झाड़ुआ मोड़ के समीप तथा जारगोडीह के शीशी में कुल तीन ट्रैक्टर को पकड़ा गया है, जिनमें अवैध बालू लोड थी। उन्होंने बताया कि तीनों ट्रैक्टर को जप्त कर लिया गया है व आगे की कार्रवाई की जा रही हैं।