जमशेदपुर। सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के मानस सभागार में नगर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार अनिरुद्ध त्रिपाठी ‘अशेष’ का एक साक्षात्कार ‘भोर गढ़ता सम्वाद ‘ का लोकार्पण किया गया ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जमशेदपुर पूर्व की विधायक पूर्णिमा साहू , विशिष्ट अतिथि टाटा मोटर्स के महाप्रबंधक जीवराज सिंह संधू महाप्रबंधक एवं हेड (सी.वी, इ.आर.सी)टाटा मोटर्स , मुख्य वक्ता कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ0 बाल मुकुन्द पैनाली अध्यक्षता कर रहे टाटा मोटर्स के पूर्व उपमहाप्रबंधक डॉ0 चन्देश्वर खाँ ,तुलसी भवन के न्यासी अरुण कुमार तिवारी एवं अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मुनका मंचासीन रहे । संचालन साहित्य समिति के दिव्येन्दु त्रिपाठी ने किया । सभी वक्ताओं ने श्री अशेष द्वारा रचित पुस्तक की सराहना की। मुख्य वक्ता डा पैनाली ने कहा कि उन्होंने इस पुस्तक को अभी तक तीन बार पढ लिया है।इसमें जीवन के सार को जिस गहराई के साथ श्री अशेष ने समझाया है, वह अद्भुत है।उन्होंने मैं से बाहर निकलने का एक बड़ा संदेश इसके माध्यम से दिया है। अनिरुद्ध त्रिपाठी अशेष के साक्षात्कार को पुस्तक का जो रुप गया है, वह अनूठा है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें कहा जाता है कि वे केवल आध्यात्म पर क्यों लिखते हैं। उन्हें कट्टर हिन्दू भी कुछ लोग कहते हैँ। श्री त्रिपाठी ने कहा कि हिन्दू कभी कट्टर हो ही नहीं सकता। हिन्दू यदि कट्टर होता तो भारत की तस्वीर कुछ अलग होगी। हिन्दू ही है जो वसुधैव कुटुंब की बात करता है। वह किसी को पराया नहीं समझता। हर के कल्याण की कामना केवल हिन्दू ही करता है। हिन्दू के कारण ही पूरी दुनियां इस तरह की है।
सरस्वती वंदना उपासना सिन्हा ने प्रस्तुत किया । स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन के मानद महासचिव डॉ0 प्रसेनजित तिवारी ने दिया । लोकार्पित पुस्तक पर पाठकीय प्रतिक्रिया मुख्य वक्ता डॉ0 बाल मुकुन्द पैनाली ने प्रस्तुत किया ।
इसके बाद अनिरुद्ध त्रिपाठी ‘अशेष’ का गद्यात्मक परिचय शैलेन्द्र पाण्डेय ‘शैल’ तथा काव्यात्मक परिचय डॉ0 यमुना तिवारी ‘व्यथित’ ने प्रस्तुत किया । कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन तुलसी भवन के उपाध्यक्ष राम नन्दन प्रसाद द्वारा दी गई ।
इस अवसर पर मुख्य रुप से सर्वश्री डॉ0 अजय कुमार ओझा, डॉ0 वीणा पाण्डेय ‘भारती’, डॉ0 उदय प्रताप हयात, जय प्रकाश राय, पूनम महानंद, जीतेश तिवारी, नीलिमा पाण्डेय, राजदेव सिन्हा, कामाख्या नारायण प्रसाद ,बलविन्दर सिंह, शैलेन्द्र अस्थाना, ज्योत्सना अस्थाना, सुरेश दत्त पाण्डेय प्रणय’, कवलेश्वर पाण्डेय, सरोज कु0 सिंह ‘मधुप’ अनिल श्रीवास्तव सहित अनेक साहित्यकारों एवं नगर के प्रबुद्ध लोगों की उपस्थिति रही ।