झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आज 10 अगस्त 2025 को जन्मदिन है. इस दिन वह अपने दिवंगत पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद उनके क्रिया-कर्म में लगे हैं. शिबू सोरेन के निधन के छठे दिन हेमंत सोरेन ने भावुक पोस्ट किया. उन्होंने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा, ‘आज बाबा बहुत याद आ रहे हैं. मुझे जीवन देने वाले मेरे जीवनदाता, मेरी जीवन की जड़ें जिनसे जुड़ी हैं, वही मेरे साथ नहीं हैं. बहुत कष्टकारी क्षण है यह.
गुरुजी प्रकृति का अंश बनकर सर्वत्र व्याप्त हो गये
हेमंत सोरेन आगे लिखते हैं कि जिनकी मजबूत उंगलियों ने बचपन में मेरे कदमों को थामा, जिनके संघर्ष और लोगों के प्रति जिनके निश्चल प्रेम ने मुझे संवेदनशीलता के साथ जीना सिखाया, हर कठिनाई को सहजता से अवसर में बदलना सिखाया और जब भी राह में अंधेरा हुआ, दीपक बनकर मुझे आगे बढ़ने का रस्ता दिखाया, वह बाबा दिशोम गुरुजी प्रकृति का अंश बनकर सर्वत्र व्याप्त हो गये हैं.
बाबा ने जन-जन की सेवा करने की शिक्षा दी – हेमंत
उन्होंने लिखा कि आज बाबा भले ही सशरीर हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि वे सूरज की हर रोशनी में हैं, हर पेड़ की छाया में हैं, हर बहती हवा में हैं, हर नदी की धार में हैं, हर उस अग्नि की लौ में हैं, जिसमें उन्होंने मुझे सत्य, संघर्ष, कभी न झुककर-निडर होकर जन-जन की सेवा करने की शिक्षा दी.
‘हर निर्णय में बाबा की शिक्षा देता है मार्गदर्शन’
झारखंड के सीएम आगे लिखते हैं, ‘मेरे बाबा के आदर्श, विचार और शिक्षा की सीख मेरे लिए सिर्फ पुत्र धर्म नहीं, सामाजिक दायित्व भी है. उन्होंने मुझे अपने लोगों से जुड़ना सिखाया, मुझे बताया कि नेतृत्व का अर्थ शासन नहीं, सेवा होता है. आज जब मैं अपने राज्य की जिम्मेदारी उठाता हूं, तो उनकी बातें, उनकी आंखों का विश्वास, उनकी मेहनत और संघर्ष से सना हुआ चेहरा, लोगों की पीड़ा खत्म करने वाला दृढ़विश्वासी मन, शोषितों-वंचितों और आदिवासी अस्मिता को मुख्यधारा में लाने का संकल्प, मुझे हर निर्णय में मार्गदर्शन देता है.’
बाबा मुझे गर्व है कि मैं आपकी संतान हूं – हेमंत
हेमंत ने लखा, ‘बाबा अब प्रकृति में हैं. अब इस मिट्टी में हैं, हवा में हैं, जंगलों में हैं, नदियों में हैं, पहाड़ों में हैं, गीतों में हैं, उन अनगिनत लोककथाओं की तरह, जो हमेशा अजर-अमर रहती हैं.’ सीएम ने लिखा, ‘बाबा मुझे गर्व है कि मैं आपकी संतान हूं, मुझे मान है कि मैं वीर योद्धा दिशोम गुरुजी का अंश हूं.’ वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें! वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन जिंदाबाद!