चीन की खतरनाक खुराफ़ात,भूखी मर सकती है पूरी दुनिया,एग्रो टेररिज्म फैलाने की कोशिश, अमेरिका में जहरीले फंगस के साथ दो चीनी वैज्ञानिक पकड़ाए

चीन के दिमाग में हर दिन कोई न कोई खुराफात चलती रहती है. कभी वह कोरोना वायरस फैलाता है तो कभी कुछ और करता है. इस बार चीन एग्रो टेररिज्म फैलाने की कोशिश करने वाला था, जिसमें वो नाकाम रहा. दरअसल आतंकवाद के जरिए सिर्फ लोगों को नहीं मारा जाता है, बल्कि फसलों को भी मारा जाता है. कुछ ऐसा ही आतंकवाद का आरोप अमेरिका ने चीन के वैज्ञानिकों पर लगाया है. अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने मंगलवार 3 जून को दो चीनी वैज्ञानिकों पर अमेरिका में एक जहरीले फंगस की तस्करी का आरोप लगाया है. ये दोनों कपल हैं और दोनों ने उस जहरीले फंगस पर एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी में रिसर्च करने की प्लानिंग थी. चलिए जानें कि आखिर यह वायरस कितना खतरनाक है.

फ्यूजेरियम ग्रैमिनीरम क्या है

फ्यूजेरियम ग्रैमिनीरम एक खतरनाक तरह का फंगस होता है, जो कि मकई, जौ, गेहूं और ओट्स जैसी फसलों को संक्रमित कर देता है. इससे फ्यूजेरियम हेड ब्लाइट या स्कैब नाम की खतरनाक बीमारी होने का खतरा बना रहता है. इसके जरिए अनाज की पैदावार कम होती है और यह अनाज की गुणवत्ता खराब करने के लिए भी जाना जाता है. कृषि उद्योग या खाद्य आपूर्ति को प्रभावित करने के लिए इसे हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसे ही एग्रो टेररिज्म कहा जाता है. सीधी भाषा में कहें तो किसी देश में अनाज का संकट पैदा करने के लिए जैविक, रासायनिक या रेडियो लॉजिकल तरीकों से किसी देश की फसल खराब करने को एग्रो टेररिज्म कहा जाता है.

इससे क्या असर होता है

इसके जरिए न सिर्फ फसलों को नुकसान पहुंचाया जाता है, बल्कि गाय से लेकर मुर्गा-बकरी तक, खाद्य आपूर्ति में अपनी भूमिका निभाने वाले जानवरों को भी निशाना बनाते हैं. फ्यूजेरियम ग्रैमिनीरम फंगस के जरिए डिऑक्सीनिवेलनॉल और जेरालेनोन जैसे खतरनाक पदार्थ उत्पन्न होते हैं. इसको खाने के उल्टी, लीवर डैमेज और प्रजनन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं.

कैसे भूखी मर सकती है दुनिया

एक साइंस जर्नल की मानें तो 1990 के दशक में अमेरिका में फ्यूजेरियम हेड ब्लास्ट महामारी के स्तर तक पहुंच गया था. इससे पैदावार और बीज की गुणवत्ता पर असर होता है. यह फंगस पशुओं और इंसान दोनों के लिए बहुत खतरनाक है. यह फंगस गेहूं की अमीनो एसिड संरचना में बदलाव करता है, जिससे कि दाने सिकुड़ जाते हैं और बचा हुआ अनाज भी खराब हो जाता है. यह चावल को भी खराब कर देता है.

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