चमकता आईना के सम्मान समारोह में शामिल हुए केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह , आज के समय में राष्ट्रधर्म की चर्चा नहीं करें तो बेईमानी होगी: गिरिराज

जमशेदपुर, 23 जून (रिपोर्टर): चमकता आईना हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के सम्मान समारोह 2025 के सम्मान समारोह में भाग लेने पहुंचे केन्द्रीय कपड़ा मंत्री ने अपना वक्तव्य भारत माता की जय के नारे लगा कर शुरू किया. उन्होंने कहा कि धर्मो रक्षित रक्षित: हमने यह शब्द इसलिए चुना क्योंकि आज देश के अंदर राष्ट्र धर्म वैसे तो सब दिन राष्ट्र धर्म सर्वोपरि रहा है, लेकिन आज के समय में राष्ट्र धर्म की चर्चा की चर्चा नहीं की जाए तो यह बेईमानी होगी और जो सनातन है वहीं राष्ट्र है. आज लोग सोशलिज्म की चर्चा, सेकुलरिज्म की चर्चा, धर्मनिरपेक्षता की चर्चा ऐसे-ऐसे शब्दों का परिचलन करते हंै, लेकिन आप सनातन देखेंगे तो इसमें मानवता की, सर्व समाज की है. क्योंकि ये कभी नहीं कहा सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया ये कभी नहीं कहा. दूसरे धर्मों में देखिए सनातन के सिवा सभी पंथ है. हमारा धर्म सनातन है इसे पर्यायवाची में हिन्दु धर्म कहते हैं. ऐसी स्थिति में मुस्लिम धर्म को लेें अगर जो मुस्लिम धर्म नहीं मानते वे काफिर कहलाते हैं. हमारे धर्म में कोई एकादशी व्रत करता सनातन में कोई नहीं करता है वो भी हिन्दु कहलाते हैं. इसलिए ये एक राष्ट्र के स्वरूप में राष्ट्रधर्म भी है. राष्ट्र की अवधारणा व देश की अवधारणा में बड़ा अंतर है. उन्होंने कहा कि मैं उदाहरण नहीं देना चाहता, लेकिन इजराइल नहीं था तो भी इजराइल राष्ट्र के रूप में उनके लोगों के बीच था.

चमकता आईना हिंदी दैनिक जमशेदपुर के 28वां वार्षिक सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने पूरे चमकता आईना परिवार को वार्षिक आयोजन के लिए शुभकामनायें दी और पूरी टीम को इसकी बधाई दी. इस अखबार की स्थापना 1997 में जमशेदपुर में हुई इसके पहले धनबाद में 15 अगस्त 1947 को इस समाचार पत्र के संस्थापक संपादक दिवंगत ब्रह्मदेव सिंह शर्मा ने इसकी शुरुआत की थी. उन्हें अविभाजित बिहार ही नहीं पूरे पूर्वांचल में हिंदी पत्रकारिता के भीष्म पितामह के रूप में माना जाता है.
चमकता आईना के प्रधान संपादक ब्रज भूषण सिंह और उनकी पूरी टीम को केंद्रीय मंत्री ने अनवरत अखबार के प्रकाशन के लिए अपनी ओर से शुभकामनाएं प्रदान की. इस दौरान बड़ी संख्या में जमशेदपुर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति रही. समाज के हर वर्ग विभिन्न व्यापारिक संगठनों, औद्योगिक घरानो, राजनीतिक क्षेत्र,सामाजिक क्षेत्र, चिकित्सक, शिक्षाविद आदि की मौजूदगी में इस भव्य आयोजन में समाज में योगदान देने वाली विशिष्ट व्यक्तियों को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के हाथों सम्मानित भी किया गया. चमकता आईना के प्रधान संपादक बृजभूषण सिंह ने तमाम आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया इस दौरान प्रख्यात शिक्षाविद् और समाज सेवी हरि बल्लभ सिंह आरसी, विधायक मंगल कालिंदी, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस,भाजपा नेता और समाजसेवी अमरजीत सिंह काले, टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष संजीव चौधरी, रघुनाथ पांडेय,राकेश्वर पांडे प्रख्यात चिकित्सक डॉ नागेंद्र सिंह, श्री लेदर के मालिक शेखर डे, पीएफ आयुक्त उदय प्रताप सिंह,चमकता आईना के संपादक जयप्रकाश राय जमशेदपुर सिटीजंस फोरम के अध्यक्ष ए के श्रीवास्तव, बीजेपी नेता शैलेन्द्र सिंह, युवा नेता सतीश सिंह सहित अन्य विशिष्ट लोगों ने समारोह को संबोधित किया और चमकता है ना परिवार को शुभकामनाएं प्रेषित की.
केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आज हिन्दुस्तान के नक्शे भले छोटे हो गए हैं ये देश का नक्शा है, राष्ट्र का नक्शा नहीं है. आने वाले दिन में अगर एक-एक राष्ट्र भक्त के दिलों के लोगों में यह चीज रहता है तो मैं समझता हूं कि दुनिया की कोई ताकत नहीं. आज पत्रकार पूछते हैं कि सरकार आती है जाती है देश की सीमाएं बनती हैं बिगड़़ती हैं. लेकिन राष्ट्र की अवधारणा अगर एक-एक नौजवान में होता है तो वो राष्ट्र जीवंत राष्ट्र कहलाता है. आज इजराइल व हमास का युद्ध प्रथम चरण में आप देखा होगा वहां से वहां से इंगलैंड व अमेरिका में काम करने वाले आईआईटी के प्रोफेशनल्स नौजवान छुट्टी लेकर इजराइल आए हैं. क्यों आ रहे क्योंं वहां आर्मी की ट्रेनिंग अनिवार्य है. वे राष्ट्र के लिए लडऩे आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने उसी समय देखा अभी जो वहां के प्रमुख नेतान्यू हैं वे अल्पमत में हैं. पत्रकारों ने विपक्ष के लोगों से पूछा कि आप बहुमत हैं कि अल्पमत में हैं इनको क्यों नहीं हटा कर बनते तो उन्होंने कहा कि अभी एक देश एक राष्ट्र है. यह शब्द सुन कर के हमें तो बड़ा आनंदमय लगा.
——————-
उन्होंने कहा कि आज ऑपरेशन सिन्दूर ये राष्ट्र का प्रतीक है. ऑपरेशन सिन्दूर में जिस तरह से भारत की सेना ने अपना शौर्य दिखाया. उस शौर्य को पूरी दुनिया ने नतमस्तक किया, लेकिन यदि हम इजराइज के विपक्ष को देखते उनकी जुवान को सुनते, देखते और याद करते और आज के विपक्ष को देखते. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से लोग मांग रहे हैं सबूत , लेकिन देश के अंदर ये राष्ट्र भक्ति है या पार्टी भक्ति. यदि ऐसे समय में ऐसी बातें तो उन्हें याद है 1971 के युद्ध का अन्य लोगों को भी याद होगा.

Share this News...