नई दिल्ली,
01 जून 2025,
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर खुलकर बात की. उन्होंने सिंगापुर में आयोजित शांग्री-ला डायलॉग सिक्योरिटी समिट के दौरान एक इंटरव्यू में कहा कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ नई ‘रेड लाइन’ खींच दी है और उम्मीद जताई कि सैन्य कार्रवाई से पड़ोसी मुल्क कुछ सबक जरूर सीखेगा.
जंग की कगार पर भारत-पाक
सीडीएस अनिल चौहान ने आगे कहा कि ताली बजाने के लिए दो हाथों को जोड़ना पड़ता है, उम्मीद है कि वे इसे समझेंगे. ऑपरेशन सिंदूर 7 मई की सुबह शुरू किया गया था, जिसका मकसद 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह करना था. इसके बाद पाकिस्तानी हमलों का जवाब भी इसी ऑपरेशन के तहत दिया गया था.
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष ने दोनों परमाणु सशस्त्र देशों को जंग की कगार पर ला खड़ा किया था, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ खत्म हुआ. इस संघर्ष से मिली सीख के बारे में पूछे जाने पर जनरल चौहान ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन के दौरान अन्य देशों की स्वदेशी प्रणालियों और प्लेटफार्मों का भी इस्तेमाल किया.
पाकिस्तान में 300 किमी तक टारगेट
उन्होंने कहा कि हम 300 किलोमीटर अंदर तक सटीकता के साथ टारगेट करने में सक्षम थे और पाकिस्तान के एयरबेस और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया. यह हमारी मजबूत एयर डिफेंस क्षमता को दिखाता है. जनरल चौहान ने कहा कि आतंकवादियों की वजह से दुनिया में अस्थिरता बढ़ रही है और वे संघर्षों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते हैं.
जनरल चौहान ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई ‘रेड लाइन’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने राजनीतिक रूप से जो किया है, उसने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की एक नई रेड लाइन खींच दी है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस स्पेशल ऑपरेशन से हमारे दुश्मनों को भी कुछ सबक मिलेगा और वे सीखेंगे कि यह भारत की सहनशीलता की सीमा है.
अब नहीं सहेंगे प्रॉक्सी वॉर
उन्होंने कहा कि हम लगभग दो दशक से ज्यादा समय से आतंकवाद के इस प्रॉक्सी वॉर को झेल रहे हैं और हमने बहुत से लोगों को खो दिया है. अब हम इसे खत्म करना चाहते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को लगता है कि ऑपरेशन के बाद रणनीतिक स्थिरता है, सीडीएस ने कहा कि रणनीतिक स्थिरता लाने के लिए दो हाथों को एक साथ ताली बजाना और एक साथ जुड़ना होता है, उम्मीद है कि वे इसे समझेंगे और फिर हम चीजों को देख सकते हैं.
इस बातचीत के दौरान जनरल चौहान ने माना कि शुरुआती दिन भारत को हवाई नुकसान उठाना पड़ा. हालांकि उन्होंने कोई सटीक संख्या नहीं बताई. ऑपरेशन सिंदूर में भारत को हुए नुकसान से जुड़े सवाल पर अनिल चौहान ने कहा कि अहम यह नहीं है कि नुकसान कितना हुआ, बल्कि यह है कि क्या गलतियां की गईं. उन्होंने कहा कि आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं, अहम यह है कि हमने उसके बाद क्या किया.
उन्होंने कहा कि हम जंग के माहौल में हैं और नुकसान इसका एक हिस्सा है. सवाल यह है कि क्या हमने अपना मकसद हासिल कर लिया है? इसका जवाब एक मजबूत हां है. इस समय, मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा क्योंकि हम अभी भी युद्ध में हैं और विरोधी पर बढ़त बनाए हुए हैं. हमारे सभी पायलट सुरक्षित घर वापस आ गए हैं. सीडीएस ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के उस दावे को खारिज कर दिया कि जिसमें उन्होंने छह भारतीय विमानों को मार गिराने की बात कही थी.
पीएम मोदी ने दिया सख्त संदेश
पीएम मोदी ने भी पिछले दिनों गांधीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के इस प्रॉक्सी वॉर पर कड़ा प्रहार किया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ जब भी युद्ध की नौबत आई तो तीनों बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटाई है. पाकिस्तान समझ गया कि वह लड़ाई में भारत से जीत नहीं सकता और इसीलिए उसने प्रॉक्सी वॉर शुरू किया. आतंकियों को सैन्य प्रशिक्षण देकर भारत भेजा जाता है और निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जाता है. पाकिस्तान को जब भी मौका मिला वो मारते रहे और हम सहते रहे.
उन्होंने ने कहा कि 6 मई के बाद जो देखा गया, उसके बाद इसे हम प्रॉक्सी वॉर कहने की गलती नहीं कर सकते. इसका कारण है क्योंकि पाकिस्तान में आतंकियों के जनाजे को स्टेट ऑनर दिया गया, ताबूत पर पाकिस्तानी झंडे लगाए गए, उनकी सेना ने सलामी दी, ऐसे में अब इसे प्रॉक्सी वॉर नहीं कहा जा सकता. आतंकी गतिविधि अब प्रॉक्सी वॉर नहीं बल्कि सोची-समझी रणनीति के तहत युद्ध ही है और उसका जवाब वैसे ही दिया जाएगा.