जमशेदपुर : भोजपुरिया बेयार के बैनर तले स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बर्मामाइंस में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भोजपुरिया बेयार के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कुमार ने की । संचालन यमुना तिवारी व्यथित ने किया। कार्यक्रम में बतौर अतिथि विधायक सरयू राय, चमकता आईना के संपादक जय प्रकाश राय, कैलाश शर्मा, डॉ उदय प्रतप हयात, श्रीराम पांडेय भार्गव, डॉ संजय पाठक स्नेही, रितेश तिवारी, यमुना तिवारी व्यथित, वरिष्ठ नागरिक संघ के अध्यक्ष शिव पूजन सिंह, टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय, डॉ विमलेश ठाकुर , सुबोध श्रीवास्तव, संजीव आचार्या, कन्हैया दुबे, विजय साही, दीपक कुमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में स्थानीय कवियों ने वीर रस, श्रृंगार रस, सामाजिक बुराई और सच्चाई समेत भावपूर्ण ज्ञानवर्धक रचनाओं से उपस्थित लोगों की तालियां बटोरी। भोजपुरी के इस सादगीपूर्ण संगोष्ठी में बिना साज और कृत्रिम आवाज के कवियों ने अपनी प्रस्तुति से भोजपुरिया माटी की जो सोंधी खुशबू बिखेरी उसकी महक से हरकोई मदहोश हो उठा । वरिष्ठ कवि श्रीराम पांडे भार्गव स्व लिखित कविता संग्रह पुस्तक से अपनी रचनाएं पढ़कर कवि संगोष्ठी का शुभारंभ किये। फिर संजय पाठक अपनी रचना में एक गरीब परिवार के दर्द को बयां किये।
पढ़े के तू गईलअ विदेश बबूआ,
बांकी रखिअह तू देशवा के शान बबूआ।…
जबकि उदय प्रताप हयात ने अपनी ग़ज़ल
वो सबके दिल में ही रेशा जड़ा है,
जो बंदा आदमी खातिर लड़ा है।
जरा उसके भी बारे में सोचों,
जो पंक्ति में जमाने से खड़ा है।
मैं उसका सच बताने को उठा हूं,
वो मेरा ही सर मुंड़ाने को खड़ा है। …. से सबों को मंत्र-मुग्ध किया।
रितेश तिवारी को बुलंद आवाज में प्रस्तुति देने के एवज में सबों सराहा।
ये माई रउरी चरणियां में लागल बा लगनिया, कब करबू बेड़ा पार हो ….। की प्रस्तुति से उन्हें खूब प्रशंसा मिली। भोजपुरिया बेयार के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कुमार ने दशहरा मनाने की भाव प्रस्तुति के साथ संदेश दिया.. नौजवान के राम बनाई जा ….! बाद में वरिष्ठ नागरिक संघ के अध्यक्ष शिवपूजन सिंह भी भोजपुरी की सुंदर रचना प्रस्तुत किये। वहीं
यमुना तिवारी व्यथित ने बढ़ती जनसंख्या और उसके दुष्परिणाम पर अपनी रचना प्रस्तुत किये। इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित एक मात्र कवियत्री की दहेज पर व्यंग्य की प्रस्तुति को लोगों ने खूब सराहा।
कार्यक्रम के अंत में विधायक सरयू राय स्व लिखित पुस्तक कवियों को भेंट किये। इस दौरान सबों ने भोजपुरिया व्यंजन लिट्टी, चोखा, चटनी और रसगुल्ले का स्वाद चखा । सफल आयोजक एवं लज़ीज़ व्यंजन के उत्तम प्रबंध के लिए कन्हैया दुबे एवं रमेश कुमार की लोगों ने पीठ थपथपाई।