आजाद हिंद फौज की लेफ्टिनेंट आशा सहाय भारती का 97 वर्ष की उम्र में निधन, टाटा स्टील अधिकारी संजय चौधरी की थीं माता

जमशेदपुर 13 अगस्त
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज से जुड़ीं लेफ्टिनेंट 97 वर्षीया आशा भारती सहाय (1928-2025) का निधन हो गया। बीती रात उन्होंने पटना में अंतिम सांस ली। टाटा स्टील कारपोरेट कम्युनिकेसन्स के अवकाश प्राप्त चीफ संजय चौधरी की वे माता थीं। श्री चौधरी के अनुसार आज पटना में विधिविधान के अनुसार उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सच्ची वीरांगना, लेफ्टिनेंट आशा सहाय को अंतिम विदाई देने और अंतिम दर्शन के लिये बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। वह द्वितीय विश्व युद्ध के इतिहास के सबसे मार्मिक अध्यायों में से एक के लिए एक जीवंत सेतु थीं, वे आज़ाद हिंद फौज (भारतीय राष्ट्रीय सेना) की सभी महिला लड़ाकू इकाई, रानी झांसी रेजिमेंट की एक योद्धा थीं। उनका जीवन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की कहानी का एक पन्ना मात्र नहीं था, बल्कि हमारे देश की स्वतंत्रता की लड़ाई को प्रेरित करने वाले साहस, बलिदान और अदम्य भावना का एक ज्वलंत प्रमाण था। लेफ्टिनेंट सहाय की यात्रा चुनौती और प्रेरणा से भरी थी। अदम्य कैप्टन लक्ष्मी सहगल के नेतृत्व में रानी झाँसी रेजिमेंट के एक सदस्य के रूप में, उन्होंने और उनके जैसी कई युवतियों ने लिंग, जाति और धर्म के भेदभाव की बेडिय़ों को तोड़ दिया और औपनिवेशिक उत्पीडऩ के विरुद्ध लड़ाई में भारतीय महिलाओं की शक्ति के प्रतीक के रूप में खड़ी रहीं।

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