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केंद्र सरकार चुनाव सुधारों पर संसद में बहस कराने के लिए तैयार है, जहां हर राज्य के लिए आदेशित SIR पर भी चर्चा होगी। चुनाव सुधार को लेकर लोकसभा में 9 और 10 दिसंबर को बहस होगी। इसके लिए 10 घंटे का समय आवंटित किया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं की बैठक में आज यह फैसला किया गया। इसके तहत, राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की रचना के 150 साल पूरा होने और चुनावों सुधारों के विषयों पर सदन में अगले सप्ताह चर्चा होगी।
कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की मीटिंग में यह तय हुआ कि आगामी सोमवार को सदन में वंदे मातरम पर चर्चा होगी, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। मंगलवार व बुधवार को चुनाव सुधारों पर चर्चा कराने पर सहमति बनी। ओम बिरला के साथ सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं की बैठक में यह सहमति बनने के बाद लोकसभा में जारी गतिरोध खत्म होने के आसार हैं।
BAC की बैठक में किस बात पर सहमति
बीएसी की बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश ने कहा, ‘BAC की बैठक के बाद वंदे मातरम और चुनाव सुधारों पर चर्चा के बारे में फैसला किया गया। सोमवार को वंदे मातरम पर चर्चा होगी और इस चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री करेंगे। इसके बाद मंगलवार और बुधवार को चुनाव सुधारों पर चर्चा होगी। जरूरत पड़ने पर समय बढ़ाया जा सकता है।’ मतदाता सूचियों के SIR के मुद्दे पर लोकसभा में सोमवार और मंगलवार को गतिरोध की स्थिति बनी रही। विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन में हंगामा किया। सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई।
SIR को लेकर राज्यसभा में भी गतिरोध
एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की विपक्ष की मांग को लेकर मंगलवार को राज्यसभा में भी सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी रहा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, हालांकि उन्होंने इसकी समयसीमा तय करने से इनकार कर दिया। विपक्षी दलों ने मांग की कि SIR पर चर्चा को अन्य कार्यों की तुलना में प्राथमिकता दी जाए, जबकि रीजीजू ने कहा कि वंदे मातरम पर चर्चा पहले होगी।
सरकार की ओर से SIR पर चर्चा को प्राथमिकता न देने पर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी की और फिर वे सदन से बहिर्गमन कर गए। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और माकपा के नेताओं ने मंगलवार को रीजीजू से मुलाकात कर एसआईआर पर तत्काल चर्चा की मांग रखी थी। उन्होंने कहा था कि सरकार को सदन में चुनाव सुधारों पर चर्चा का समय घोषित करना चाहिए।
