भ्रामक विज्ञापनों को लेकर दो आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट पर भारी-भरकम जुर्माना, सफल उम्मीदवारों की शिकायत पर हुई कार्रवाई

नई दिल्ली केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने दो IAS कोचिंग सेंटर्स पर 8-8 लाख रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई भ्रामक विज्ञापनों, व्यापार के गलत तरीकों और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन को लेकर की गई है। इस दौरान सीसीपीए ने दीक्षांत आईएएस और अभिमन्यु आईएएस कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ यह कार्रवाई की है। CCPA को इन दोनों के बारे में UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों से शिकायत मिली थी। दरअसल इन दोनों कोचिंग सेंटर्स ने UPSC क्लियर करने वाले उम्मीदवारों के परिणामों का श्रेय लेने के लिए बिना उनकी अनुमति के अपनी प्रचार सामग्री में उनके नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद उम्मीदवारों ने इस बात की शिकायत संस्था से कर दी थी।

उम्मीदवारों से मिली इसी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता वाली सीसीपीए ने इस तरह के प्रचार को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का उल्लंघन माना और दीक्षांत आईएएस व अभिमन्यु आईएएस के खिलाफ आदेश जारी कर दिया। इस बारे में एजेंसी की तरफ से जारी एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में बताया गया कि यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि किसी भी वस्तु या सेवा का ऐसा गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।

प्रेस रिलीज में बताया गया कि दीक्षांत IAS के मामले में CCPA को मिनी शुक्ला (AIR 96, UPSC CSE 2021) से एक शिकायत मिली थी, जिसमें उन्होंने कहा कि संस्थान की प्रचार सामग्री में उनकी सहमति के बिना उनके नाम और तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। अपनी शिकायत में शुक्ला ने स्पष्ट किया कि वह कभी भी दीक्षांत IAS से नहीं जुड़ी थीं और उन्होंने केवल चहल अकादमी में एक मॉक इंटरव्यू में भाग लिया था, जिसके बारे में उन्हें बाद में पता चला कि यह मॉक इंटरव्यू दीक्षांत IAS के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।

सीसीपीए ने बताया कि दीक्षांत IAS ने ‘यूपीएससी सीएसई 2021 में 200 परिणाम’ का दावा करते हुए विज्ञापन प्रकाशित किए थे, जिनमें सफल उम्मीदवारों की तस्वीरें और नाम दिखाए गए थे, लेकिन इस दौरान सफल उम्मीदवारों द्वारा लिए गए विशिष्ट पाठ्यक्रमों का खुलासा नहीं किया गया था। इस मामले में कई मौके दिए जाने के बाद भी संस्थान विश्वसनीय प्रमाणों के साथ अपने दावे की पुष्टि करने में असमर्थ रहा।

इस बारे में जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि दीक्षांत आईएएस ने दावा किया कि शिकायतकर्ता छात्रा ने उसके साक्षात्कार मार्गदर्शन कार्यक्रम (IGP) में भाग लिया था और यह कार्यक्रम चहल अकादमी के साथ संयुक्त रूप से संचालित किया गया था। हालांकि, एजेंसी ने पाया कि दीक्षांत आईएएस उसके द्वारा किए जा रहे ‘200 परिणामों’ के अपने दावे को लेकर सिर्फ 116 नामांकन फॉर्म ही प्रस्तुत कर सका।

साथ ही वह चहल अकादमी के साथ कोई समझौता या ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत करने में भी विफल रहा जिससे यह पता चले कि छात्रों को कार्यक्रम के संयुक्त रूप से होने के बारे में बताया गया था। जांच के बाद सीसीपीए ने यह पाया गया है कि दीक्षांत कोचिंग परीक्षा के सभी चरणों के लिए ‘यूपीएससी सिविल सेवा 2021 में 200 परिणामों’ का पूरा श्रेय ले रही थी और जानबूझकर सफल उम्मीदवारों द्वारा लिए गए विशिष्ट पाठ्यक्रम के बारे में संभावित उम्मीदवारों से महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रहा था।

CCPA की जांच में पता चला कि कोचिंग सेंटर द्वारा अपने विज्ञापनों में जानबूझकर सफल उम्मीदवारों द्वारा किए गए पाठ्यक्रमों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई थी। इस चूक से यह गलत धारणा बनी कि दीक्षांत आईएएस ने यूपीएससी उनकी तैयारी में योगदान दिया था, जबकि उनका जुड़ाव केवल बेहद सीमित और सिर्फ इंटरव्यू के लिए ही था। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि इस तरह के भ्रामक दावे उन लाखों उम्मीदवारों को गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं जो अपनी तैयारी में महत्वपूर्ण समय, प्रयास और पैसा लगाते हैं।

जबकि अभिमन्यु आईएएस वाले मामले में सीसीपीए को नताशा गोयल (एआईआर 175, यूपीएससी सिविल सेवा 2022) की तरफ से एक शिकायती आवेदन मिला था। जिसमें उन्होंने बताया कि संस्थान ने उन्हें अपनी छात्रा बताकर झूठा दावा किया था और बिना अनुमति अपनी प्रचार सामग्री में उनके नाम और तस्वीर का इस्तेमाल किया था।

Share this News...