डॉ. नागेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार, शहरवासियों ने नम आँखों से दी अंतिम विदाई

जमशेदपुर २६ नवंबर संवाददाता
गंगा मेमोरियल अस्पताल, मानगो (जमशेदपुर) के संस्थापक एवं संचालक, झारखंड के प्रख्यात सर्जन डॉ. नागेंद्र सिंह का आज अश्रुपूर्ण वातावरण में आज भुइंयाडीह स्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी में उनके पुत्र डॉ. अभिषेक सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। डॉ. सिंह का निधन कल सुबह दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में हुआ था। देर रात लगभग १२ बजे उनका पार्थिव शव हवाई मार्ग से रांची होते हुए जमशेदपुर लाया गया। पार्थिव देह को सीधे विजय ग्रीन अर्थ (डिमना रोड) स्थित उनके आवास पर रखा गया, जहाँ आधी रात को भी कॉलोनी के लोग अंतिम दर्शन को पहुँचते रहे।
सुबह से ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों से समाज के हर वर्ग के लोग, जनप्रतिनिधि और चिकित्सा समुदाय के सदस्य उनके अंतिम दर्शन हेतु उमड़ पड़े। जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने रांची हवाई अड्डे पर ही उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। आज सुबह पोटका के विधायक संजीव सरदार, कई अन्य जनप्रतिनिधियों, आईएमए से जुड़े पदाधिकारियों तथा ब्रह्मंर्षि विकास मंच के प्रतिनिधियों , पत्रकारों ने भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
अंतिम यात्रा उनके आवास से निकलकर गंगा मेमोरियल अस्पताल पहुँची, जहाँ कर्मचारी, मरीज और आम लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शव वाहन को फूलों और पोस्टरों से सजाया गया था और मार्गभर “गरीबों के मसीहा अमर रहें” जैसे नारे लगाए गए थे।

श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख रूप से—
सांसद विद्युत वरण महतो,घाटशिला के विधायक सोमेश सोरेन,शेख बदरुद्दीन, सपन महतो,भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राजकुमार श्रीवास्तव,पूर्व भाजपा नेता विकास सिंह,ब्रह्मर्षि विकास मंच के अध्यक्ष विकास सिंह,महासचिव अनिल ठाकुर,
पूर्व महासचिव राजकिशोर सिंह,धनंजय राय, रामप्रकाश पांडेय, नित्यानंद सिंहा, नीलकमल शेखर, दीपू सिंह,विनोद राय, मुकेश,युवा उद्यमी सह समाजसेवा तरणप्रीत सिंह खनूजा, आईएमए अध्यक्ष जी.सी. मांझी, सौरव चौधरी,डॉ. रेणुका चौधरी, डॉ. मृत्युंजय, डॉ. उमेश खान, साहित्यकार अनिरुद्ध त्रिपाठी अशेष, वरिष्ठ नागरिक संघ के अध्यक्ष शिवपूजन सिंह तथा बड़ी संख्या में विजय ग्रीन अर्थ कॉलोनी के निवासी उपस्थित रहे। दिवंगत डा सिंह के समधी डा ए सी अखौरी, समधन डा वनीता सहाय एवं उनके दामाद भी मौजूद थे।डॉ. नागेंद्र सिंह की सेवा, सादगी और गरीब मरीजों के प्रति समर्पण को याद करते हुए लोगों ने कहा कि शहर ने एक दया और मानवता का प्रतीक चिकित्सक खो दिया।
डा सिंह अपने पीछे पत्नी रंजू सिंह, पुत्री डा पूजा सिंह, पुत्र डा अभिषेक सिंह सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं।

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