टेरर फंडिंग और देशद्रोह की ओर जा रही शक की सूई
धनबाद 5 नवंबर संवाददाता दुबई में बैठकर झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोह चला रहे कुख्यात हैदर अली उर्फ प्रिंस खान पर प्रहार करते हुए जिला पुलिस ने कल वासेपुर क्षेत्र में वृहद छापामारी अभियान चलाया जिसमें भारी नकदी , हथियार , कारतूस,जमीन के कागजात, समेत बैंक के पासबुक, एटीएम सहित अनेक इंस्ट्रुमेंट हाथ लगे। 12 ठिकानों पर एक साथ छापामारी में 11 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया जिनमें चार को प्रिंस खान के साथ सीधा संबंध पाये जाने पर आज न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इनसे पुलिस को जो जानकारी मिली, उससे पता चलता है कि इस गिरोह का सौ से अधिक लोगों से ताल्लुकात है और अनेक व्यापारी उसे रंगदारी स्वरुप पैसे पहुंचा रहे हैं। इन पैसों से गिरोह द्वारा जमीन खरीद बिक्री की जाती है और नकदी को फोरेक्स, हवाला, क्रिप्टो करेंसी आदि के जरिये विदेश भी भेजा जाता है। इस रकम से टेरर फंडिंग की भी आशंका हुई है क्योंकि पिछले दिनों रांची में पाकिस्तान से कथित रुप से इस गिरोह द्वारा हथियार मंगाये जाने की बात सामने आई। अगर ऐसा होता है तो यह गंभीर राष्ट्रद्रोह का भी मामला है।
वरीय आरक्षी अधीक्षक प्रभात कुमार ने आज मीडिया को बताया कि प्रिंस खान गिरोह के विरुद्ध एक विशेष टीम गठित की गई है जिसके द्वारा लगातार तकनीकी और अन्य स्रोतों से सूचनाएं इकट्ठी की जा रही है। पूर्व में गिरोह के की सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। उनसे मिली सूचनाओं के आधार पर कल छापामारी की गई। इस छापामारी में धनबाद के दो आईपीएस सिटी और ग्रामीण एसपी छह डीएसपी,सात इंस्पेक्टर, 36 दारोगा सहित 60 पुलिस कर्मियों की टीम शामिल की गई। जिन चार लोगों को आज जेल भेजा गया, वे रंगदारी टैक्स के रुप में वसूली गई राशि को प्रिंस खान तक पहुंचाने और अन्य कारोबार में लगाने में लिप्त पाये गये हैं। फिलहाल इस मामले में और गहन जांच की जा रही है। उनके पास से लगभग 17.5 लाख रुपये , नगालैंड से निर्गत छह राउंड की एक पिस्तौल, जिसका लाइसेंस फेल है, 47 चक्र गोलियां, पांच मोबाइल, जमीन डीड एवं एग्रिमेंट के लगभग 70 कागजात, 18 एटीएम और डेबिट कार्ड, नौ चेकबुक, एवं पांच पासबुक बरामद किये गये। रंगदारी से वसूली रकम को उक्त माध्यमों से प्रिंस खान तक पहुंचाने के अलावा ये उसके निर्देश पर बरवाअड्डा, गोविंदपुर, में 8 लेन सडक़ के किनारे जमीन कारोबार में निवेश करते हैं। इन गिरफ्तार व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि ये प्रिंस खान के स्लीपर सेल के रुप में काम करते हैं जो व्यापारियों के फोन नंबर उसे उपलब्ध कराने क अलावे उन्हें भयभीत करने के लिये आने वाले शूटरों को ठहराने , वाहन उपलब्ध करानेआदि का काम करते हैं। इन लोगों से पुलिस को पता चला है कि ऐसे अनेक व्यवसायी हैं जो प्रिंस खान को नियमित पैसे पहुंचा रहे हैं। गिरोह से लगभग सौ से अधिक लोगों का संबंध है। पुलिस उन व्यापारियों से संपर्क कर यह पता लगाएगी कि वे डर के अलावे किन परिस्थितियों में पैसे पहुंचाते हैं।
गिरफ्तार अपराधियों में 55 वर्षीय परवेज खान, 31 वर्षीय सैफ आलम उर्फ राशिद,33 वर्षीय तौसीफ आलम उर्फ मुन्ना और 46 वर्षीय इम्तियाज अली उर्फ लाडले शामिल है.
एसएसपी ने बताया कि पिछले दिनों रांची और जमशेदपुर से गिरफ्तार अपराधियों द्वारा पाकिस्तान से हथियार खरीदने की बात सामने आई थी. पुलिस इस विषय पर भी अनुसंधान कर रही है. टेरर फंडिंग के तार जुडऩे की संभावना जताई जा रही है. पुलिस आगे की जांच पड़ताल चल रही है. इस गिरोह का एक रेस्टोरेंट भी चलता है. यह रेस्टोरेंट झारखंड के बाहर है.
एसएसपी ने कहा कि प्रिंस खान गैंग से जुड़े अन्य अपराधियों की तलाश जारी है. उन्होंने व्यवसायियों से अपील की है कि अगर रंगदारी के कॉल आते हैं तो उसकी सूचना फौरन पुलिस को दें.
