महागठबंधन में रार-कांग्रेस मांग रही 65 और आरजेडी 55 पर तैयार नाराजगी बरकरार,  तेजस्वी ने राघोपुर से किया नामांकन

पटना ,15 अक्टूबर (ईएमएस):बिहार में चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर रार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में 65 सीटें चाहती है लेकिन राष्ट्रीय जनता दल उसे सिर्फ 55 सीटें देने के लिए ही राजी है। इधऱ पार्टी सूत्रों के अनुसार महागठबंधन में पहले चरण की जिन सीटों पर सहमति बन चुकी है उनके नाम पार्टी आज घोषित कर सकती है। कांग्रेस ने अब तक कुल 43 सीट पर उम्मीदवार चयनित कर लिए हैं। महागठबंधन में कांग्रेस 65 सीटों की मांग पर अड़ी है।
सीटों की अदला-बदली को देखते हुए पार्टी 74 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप दे रही है। ऐसे कांग्रेस ने सभी 243 सीटों पर दावेदारों से आवेदन मंगाए थे। महागठबंधन समन्वय समिति के समन्वयक तेजस्वी यादव के साथ बातचीत में कोई फार्मूला तय नहीं होने के अगले दिन मंगलवार को दिल्ली में पार्टी ने उम्मीदवारों के नाम पर विचार किए। पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक की अध्यक्षता की। इस बीच तेजस्वी यादव ने आज अपने माता-पिता के साथ जाकर राघोपुर विधानसभा सीट के लिए नामांकन भी कर दिया:
3 घंटे तक कांग्रेस की चली बैठक
कांग्रेस मंगलवार को भी अपनी सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम को अंतिम रूप नहीं दे सकी। दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मंगलवार को 18 नामों पर चर्चा हुई। 3 घंटे चली बैठक में इन सीटों पर प्रत्याशी के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है।
बैठक में 40 सीट की चर्चा हुई। शेष बीच सीटों पर उम्मीदवार के नाम तय करने के लिए सब कमेटी का गठन किया गया है। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि सभी मजबूत सीटों पर चर्चा हुई है। अब हमलोग आगे की तैयारी को बढ़ रहे हैं।
कांग्रेस में टिकट बंटवारे के पहले ही दिखने लगी नाराजगी
टिकट बंटवारा हुआ नहीं और टिकटार्थियों की नाराजगी दिखने लगी है। कांग्रेस को भी यह डर सता रहा है। दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद टिकट दावेदारों ने मंगलवार को जमकर नारेबाजी भी की। इस कारण सदाकत आश्रम में हमेशा दिखने वाले नेताजी अब गायब रहने लगे हैं। दरअसल, इस बार पार्टी ने सभी विधानसभा क्षेत्रों से आवेदन मंगाए थे। इस कारण दावेदारों की संख्या चार हजार से ज्यादा हो गई। चुनावी साल में संगठन के अभाव में इन दावेदारों के सहारे ही पार्टी ने कार्यक्रमों और अभियान को सफल बनाया। कांग्रेस इन्हें आश्वस्त करती रही कि कार्यक्रमों में मेहनत के अनुसार ही टिकट मिलेगा।
इन्हें रोज नए-नए टास्क सौंपे गए। रोजाना इन दावेदारों से फीडबैक भी लिया गया। माई बहिन मान योजना, हर घर झंडा कार्यक्रम सहित अन्य कार्यक्रमों के फार्म भरवाने में इनका सहयोग लिया। राहुल की वोटर अधिकार यात्रा में बढ़चढक़र हिस्सेदारी की। टिकट की आस में दिन-रात एक कर मेहनत करने वाले कई नेता अब पार्टी से सिंबल चाह रहे हैं। नई दिल्ली में दावेदारों ने वहां डेरा जमा लिया है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दौरान कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की। कार्यकर्ता हाल ही में पार्टी में शामिल हुए नेताओं को तवज्जो देने से भी नाराज हैं।

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