जमशेदपुर के डॉ गुरजीत सिंह को फेसबुक पर मिले 10 मिलियन से अधिक हिट

जमशेदपुर के प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक और सिंहभूम होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, जमशेदपुर के पूर्व अध्यापक डॉ गुरजीत सिंह ने चिकित्सक के दायित्व का पूरी गंभीरता से निर्वहन करते हुए भी एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है, और कारनामा ऐसा, जिसका चिकित्सा के पेशे से दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं. डॉ गुरजीत सिंह के लिए यह कारनामा किया है उनके शौकिया गाये गीतों ने, फेसबुक पर जिनके देखने-सुननेवालों की संख्या दस मिलियन (एक करोड़) के पार पहुंच गई है. अभी रविवार, 12 अक्टूबर, 2025 को ही उनके गानों को देखने-सुननेवालों की संख्या दस मिलियन को पार कर गई. आज के दौर में जब मूल गायकों के प्रसिद्धि प्राप्त करने में भी बरसों लग जाते हैं, डॉ गुरजीत सिंह ने पुराने फिल्मी गीतों को गाकर 10 मिलियन लोगों तक अपनी पहुंच बना ली, यह बहुत बड़ी बात है.
बताते चलें कि डॉ गुरजीत सिंह को अपने विद्यार्थी जीवन से ही फिल्मी गीतों को गाने का काफी शौक रहा. दोस्तों के बीच स्व. मुकेश के गीत गाना उनकी विशेष आदत रही, जिसे तब दोस्तों की काफी सराहना भी मिली. बाद में दोस्त-साथियों और करीबियों के प्रोत्साहन और उनके पीछे पड़ जाने पर उन्होंने अपने इस शौक को थोड़ा व्यवस्थित रूप देना शुरू किया, फिल्मी गीतों को विधिवत साज-बाज के साथ गाना शुरू किया और उनके गाये गीतों को मित्रों-जाननेवालों की भरपूर प्रशंसा भी मिली, और इससे काफी प्रोत्साहन भी मिला. इससे प्रेरित होकर डॉ गुरजीत सिंह ने जब अपने गाये गीतों को फेसबुक पर डालना शुरू किया तो मानो उनके प्रशंसकों की बाढ़ सी आ गई और अपने शहर जमशेदपुर से बढ़ कर फेसबुक पर मौजूद दूसरे शहरों और फिर पूरे देश और विदेशों के संगीत प्रेमियों की प्रशंसा भी मिलने लगी. धीरे-धीरे उनके गाये गीतों का आनंद लेनेवालों की संख्या सैकड़ा, हजार और लाख का आंकड़ा पार कर मिलियन की संख्या तक पहुंच गई. और आज सोमवार की रात फेसबुक पर अपलोड उनके गाये गीतों को सुननेवालों की संख्या 10 मिलियन के पार पहुंच गई. ध्यान रहे कि इन दस मिलियन प्रशंसकों में 43 हजार से अधिक भारत वर्ष और विदेशों में रहने वाले संगीत प्रेमी भी शामिल हैं.
हालांकि डॉ गुरजीत सिंह की इस उपलब्धि में उनकी कला एवं तकनीकी टीमों ने उनका हर पग पर अमूल्य सहयोग किया. उनकी टीम में म्यूजिक रिक्रिएशन, रिकॉर्डिंग एवं मिक्सिंग की कमान संभाल रहे दीपांजन रॉय, एडिटिंग का दायित्व संभाल रहे संजय सोलोमन के सधे हाथों ने तो मदद की ही, दीपांजन रॉय, संजय सोलोमन, नीलेश बग्गा के और प्रभाकर साह की सधी विडियोग्राफी ने भी सोने पे सुहागे का काम किया. इनके अलावा इस उपलब्धि में उल्लेखनीय सहयोग करनेवालों में सह गायिकाओं, पूजा तिवारी, अपर्णा तिवारी, अपूर्वा श्रीवास्तव, हरमिंदर कौर के साथ रविकांत एवं सलिल तिर्की महत्वपूर्ण हैं. और अंतिम किन्तु सबसे महत्वपूर्ण योगदान स्वयं डॉक्टर गुरजीत सिंह की सहधर्मिणी पत्नी डॉ श्रीपर्णा सिंह का रहा, जिन्होंने उनका हर कदम पर पूरे विश्वास से साथ ही नहीं दिया, बल्कि कई गीतों में उनके सुर में सुर भी मिलाया.

Share this News...