धनबाद : भुँइयाडीह में चंद्रा परिवार के कार्यालय पर फायरिंग के सूत्रधार का पता चल गया है. पु्लिस सूत्रों ने बतायाा कि यह सूत्रधार जमशेदपुर का एक जाना पहचाना बदमाश है. प्रिंस खान के लिए यहाँ के कारोबारी हरे राम सिंह के बारे में सारी सूचनाएं देने और उससे धमकी दिलवाने में उसकी भूमिका पर पुलिस को कुछ गिरफ्तार अपराधियों के बयान से यह जानकारी मिली है। यह बदमाश प्रिंस खान के एक खास शूटर के साथ पलामू जेल में बंद रह चुका है . प्रिन्स खान के साथ उसके संपर्क सूत्र का भी पता चला है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि पूरी साजिश और षड्यंत्र का बहुत जल्दी खुलासा हो जाएगा. पुलिस को भुंइयाडीह में चंद्रा परिवार कार्यालय की रेकी करने और बाद में शूटरों को गोली चलाने और गोली चलाने के बाद लाने और लेकर भागने वाले युवक की भी तस्वीर हाथ लगी है. घटनास्थल की रेकी और घटना में एक दुपहिया वाहन का प्रयोग किया गया था. गोली चलाने का उद्देश्य हरे राम सिंह को साफ संदेश देना था कि प्रिंस खान ने जो दो करोड़ रूपये एकमुश्त और हर माह 5 लाख छोटे सरकार टैक्स (सी एस टी) देने की बात कही है उस पर वह राजी हो जाएं, अन्यथा सामने से आकर शूटर कभी भी हत्या जैसी वारदात कर देंगे.
उल्लेखनीय है कि प्रिंस खान का गैंग धनबाद में बहुत सक्रिय था, लेकिन पिछले कुछ महीनों में प्रभात कुमार के एस एस पी बनने के बाद उसके गिरोह की कमर तोडऩे वाली अनेक पुलिसिया कार्रवाइयां की गयीं जिससे वहां उसकी पकड़ ढीली पड़ी है. उसके शूटरों की धरपकड़, कुटाई और सरेआम सडक़ पर परेड जैसी कार्रवाइयों से अपराधियों का मनोबल तोडऩे की कोशिश की गई। खबर है कि कुछ शूटर ऊपर भी भेज दिये गए। हाल में फिर एक फायरिंग के मामले में चार संदिग्ध युवकों और फायरिंग में लिप्त कतिपय युवकों की धनबाद पुलिस ने जमशेदपुर आकर गिरफ्तारी की. एक अन्य गिरोह सदस्य को पंद्रह दिन पहले चाईबासा से भी उठाकर ले गयी. जमशेदपुर में डोबो पुल पर कल शाम आशीष सिंह राजपूत और एक अन्य को पकडऩे वाली धनबाद पुलिस ही थी जिसके अधिकारी सादी वर्दी में थे. इस आशीष सिंह ने भुंइयाडीह हरे राम सिंह के कार्यालय चंद्रा परिवार पर फायरिंग का राज उगला है जिससे जमशेदपुर पुलिस को अवगत करा दिया गया है. इंतजार है पूरी कहानी के ताना बाना के बिखरे सूत्रों को जोडऩे का. पुलिस भुइयाडीह में फायरिंग कांड में लिप्त तीन लडक़ों, उनको मदद करने वालों और पूरी साजिश में प्रिंस खान के स्थानीय उक्त बदमाश एजेंट की तलाश कर रही है. वह फिलहाल जमशेदपुर से बाहर कहाँ है,इसकी भी जानकारी लेने के लिये पुलिस रडार सक्रिय हैै। प्रिंस खान ने चाईबासा से जमशेदपुर तक कुछ शूटरों का एक नेटवर्क बनाने का भी काम किया है।
जमशेदपुर पुलिस के लिए जमशेदपुर में प्रिंस खान की दहाशतगर्दी इस शुरुआाती दौर में ही रोकना बड़ी चुनौती है. प्रिंस के जिस स्थानीय एजेंट का नाम सामने आया है वह यहाँ पहले से ही रंगदारी वसूली और मांडवाली करने में लगातार आगे बढने की कोशिश करता रहा है. जमशेदपुर पुलिस ने उसे पहले गिरफ्तार भी किया है. इन दिनों जमशेदपुर में अपराधियों के विरुद्ध पुलिसिंग पर सवाल उठ रहे हैं. ताजा प्रिंस प्रकरण में पहली बार एक अक्टूबर को धमकी के बाद तत्काल एफ आई आर दर्ज कराया गया जिसमें प्रिंस खान ने कहा था कि वह दुबई में बैठा है लेकिन जमशेदपुर में भी वह अपनी फिल्म का ट्रेलर दिखा सकता है. इस धमकी के लगभग 10 दिन के भीतर उसने स्थानीय अपराधियों से फायरिंग करा कर ट्रेलर दिखा दिया.आम लोगों के लिए ट्रिपल राइडिंग और बिना हेलमेट सडक़ पर टूट पडऩे वाली पुलिस एक दुपहिया पर बिना हेलमेट दुपट्टा से पूरी तरह सिर और चेहरा बांधे शहर की सडक़ो पर निकल कर भुंइयाडीह पहुंचे शूटरों को नहीं रोक पायी. प्रिंस के बताए टारगेट और संभावित ठिकानों पर खतरे को भांपने और एहतियात बरतने में भी पीछे रह गयी. जमशेदपुर रंगदारी वसूली और हत्याओं के साथ दहशगर्दी के दौर से बहुत बुरी तरह गुजरा है जिसे याद कर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। टाटा स्टील के तत्कालीन एम डी स्व डा जे जे ईरानी तक को उस समय गुंडों ने धमकी दी थी। जमशेदपुर के कारोबार जगत में हरे राम सिंह को धमकी देना मतलब साधारण कारोबारियों के बीच कुछ उसी तरह दहशत फैलाने का संदेश देना प्रतीत होता है। उस समय लालू शासन को डा ईरानी को धमकी के बाद डा अजय कुमार को यहां एसपी बनाकर भेजना पड़ा था। दहशतगर्दों को शांत करने के लिए अब राजनेता बने आई पी एस डा अजय कुमार को यहाँ काफी धूम धड़ाका करना पड़ा था तथा आर के मिश्रा, अनिल पालटा जैसे अधिकारियों को पुलिसिंग का जौहर दिखाना पड़ा था. इनकी झलक प्रभात कुमार के कार्यकाल में भी देखने को मिली जब जमीन कारोबारियों के लिए सिरदर्द बन रहे अमरनाथ का बासुकीनाथ मेला में सफाया हो गया.