NDA में सीट शेयरिंग पर खींचतान, चिराग की पार्टी ने कहा- PK की जन सुराज से गठबंधन के दरवाजे खुले

 

बिहार चुनाव का ऐलान हो चुका है और सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट शेयरिंग पर अभी मंथन का दौर जारी है. बिहार एनडीए के दो बड़े घटक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल (यूनाइटेड) के अपने दावे हैं. चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के साथ ही जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा की भी अपनी डिमांड है.

चिराग की पार्टी 45 से 54 सीटों की डिमांड कर रही है.

एलजेपी (आर) के सूत्रों की मानें तो पार्टी बिहार चुनाव में 45 से 54 सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य लेकर चल रही है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि हमें राज्यसभा या विधान परिषद सीट की जरूरत नहीं है. चिराग पासवान शाहाबाद इलाके की किसी सीट से मैदान में उतर सकते हैं. चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से गठबंधन को लेकर सवाल पर एलजेपी (आर) सूत्रों का कहना है कि दरवाजे हमेशा खुले हैं. राजनीति

में विकल्प हमेशा उपलब्ध रहते हैं.

बीजेपी और जेडीयू के सौ-सौ सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पर एलजेपीआर सूत्रों ने कहा कि किसी भी नेता ने आधिकारिक तौर पर ऐसा कोई ऐलान किया है क्या? हमारी बातचीत बीजेपी से हो रही है, जेडीयू से नहीं. एलजेपीआर के सूत्रों का यह भी कहना है कि एनडीए को यह समझना होगा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ चिराग पासवान एक डायनेमिक फेस हैं. चिराग पासवान ने सुनहरी बाग रोड स्थित अपने आवास में शिफ्ट नहीं हुए हैं, जो

मंत्रियों का आधिकारिक आवास है.

एलजेपीआर सूत्रों का यह भी कहना है कि हम नहीं चाहते कि कैबिनेट पोस्ट को लेकर कोई हमें धमकाए. केंद्र में एक बर्थ से अधिक बिहार में सम्मानजनक सीटें मैटर करती हैं. एलजेपीआर ने एनडीए में अपने सहयोगी दलों को यह संदेश भी दिया कि हम निष्पक्ष तरीके से सीट शेयरिंग और बिहार की राजनीति में चिराग पासवान के बढ़ते प्रभाव की मान्यता चाहते हैं. गौरतलब है कि बिहार चुनाव के लिए तारीखों के ऐलान के बाद एलजेपीआर के प्रवक्ता धीरेंद्र मुन्ना ने दावा किया था कि हमारी तैयारी सभी 243 सीटों पर है.

उन्होंने सीट शेयरिंग को लेकर कहा था कि 2020 के बिहार चुनाव में जब हमें 20 से 22 सीटें दी जा रही थीं, तब हमारी राहें अलग हो गई थीं. मुझे नहीं लगता कि हमें 22 सीटें दी जाएं, तो बात बनेगी. एलजेपीआर प्रवक्ता ने कहा था कि गठबंधन में हम पहले 43 सीटों पर, उसके बाद हमने 137 सीटों पर चुनाव लड़ा. हमारी राय है कि पार्टी की सीटों का आंकड़ा इसके बीच ही रहना चाहिए. उन्होंने चुनाव कार्यक्रम के ऐलान का स्वागत करते हुए

कहा था कि हमारी पार्टी पिछले छह महीने से तैयार है.

 

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