डुमरिया –कहते हैं कि न लोकसभा और न ही विधानसभा सबसे बड़ी है ग्राम सभा । यह ग्राम सभा केवल सरकारी कार्य निपटने का एक औपचारिकता मात्र है । ग्राम सभा के निर्णय को दरकिनार ही किया जाता रहा है । ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है .मामला डुमरिया के कुणडालुका गांव का है ।मिली जानकारी के अनुसार कुणडालुका में आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका का चयन हेतु ग्राम सभा बीते आठ जुलाई को हुई थी । ग्राम सभा में चार उम्मीदवार ने आंगनबाड़ी सेविका पद के लिए आवेदन किया था । इनमें दो उम्मीदवार हिसी मुर्मू एवं मालती मारडी ग्रेजुएट थी इनमें मालती मारडी को सेविका पद में चयन कर उन्हें नियुक्ति पत्र भी दे दिया गया है । इसके कारण गांव में गतिरोध उत्पन्न हो गई है । आंगनबाड़ी केंद्र में ताला जड़ा दिया है ।इस संबंध में ग्राम प्रधान काली कृष्ण बासके समेत ग्रामीण बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका पद के लिए ग्राम सभा में हिसी मुर्मू को प्रस्तावित किया गया था । किन्तु उनका चयन नहीं कर मालती मारडी को नियुक्ति पत्र भी दिया गया है । जिसके कारण ग्राम प्रधान समेत ग्रामीण ग्राम सभा की अवहेलना के कारण आंगनबाड़ी केंद्र में ताला जड़ दिया गया है । वस्तुस्थिति की जानकारी वाल विकास परियोजना कार्यालय को भी दी गई है । बताया गया कि सेविका द्वारा एक आवेदन पत्र दिया गया है कि कुछ दिन अपने घर में आंगनबाड़ी केंद्र का कार्य संचालन किया जा रहा है । इधर प्रभारी वाल विकास परियोजना पदाधिकारी पवन कुमार ने इस बावत बताया कि कुणडालुका आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका चयन हेतु ग्राम सभा में पूरी पारदर्शिता बरती गई है । कहीं से भी किन्तु परन्तु का मामला नहीं है ।जो सरकारी गाइडलाइन में फिट आयी उसे ही नियुक्ति पत्र दिया गया है । जबकि ग्राम प्रधान समेत ग्रामीण ने बताया कि ग्राम सभा में हिसी मुर्मू को प्रस्तावित किया गया था किन्तु नियुक्ति पत्र मालती मारडी को किस आधार पर दिया गया स्पष्ट किया जाय ।गांव के ग्राम सभा में ग्रामीण की प्रस्ताव को दरकिनार कर कैसे दूसरे को नियुक्ति पत्र मिला यह एक अहम सवाल है ।